-कहा, जिंदा कौमें पांच साल इंतजार नहीं करती हैं
-खंजाची के गांव या गंगा के घाट पर बैठ कर दे अपने काम का हिसाब
-नकल के आरोप पर भड़के अखिलेश
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में पाचंवे चरण के मतदान के एक दिन पूर्व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री व सपा सुप्रमीमों अखिलेश यादव ने पीएम नरेन्द्र मोदी को अपने सरकार के कामकाज को प्रदेश की जनता के सामने रखने की खुली चुनौती दी है। उन्होंने इसके लिए उनके गढ़ वाराणसी के घाटों पर सामने बैठने तक की चुनौती दे डाली।
सपा द्वारा आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा कि मैं अपनी हर रैली में अपनी सरकार के काम बताता हूं। आने वाले समय में प्रधानमंत्री चुनाव प्रचार के लिये जिस भी जिले में जाएं, वहां के लिये उनकी सरकार ने जो खास काम किया है, उसके बारे में जनता को जानकारी दें। प्रदेश की जनता जाने कि केंद्र ने कौन सा काम उसके लिये किया है। इस वक्त पूर्वांचल में चुनाव हो रहा है केंद्र सरकार बताए कि उसने किस जिले में क्या काम किया है. मुझसे पूछें तो मैं बता सकता हूं। मैं आगरा से लखनऊ तक एक्सप्रेसवे ले आया हूं. इसे मैं बलिया तक ले जाउंगा। हमने आजमगढ़ के सठियांव में चीनी मिल लगायी है. कई फोरलेन सड़कें बनी हैं। एम्स को जमीन नहीं उपलब्ध हो पा रही थी। मैंने सबसे कीमती जमीन एम्स के लिये गोरखपुर में दे दी। मोदी यही बता दें कि एम्स कब तक बन जाएगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री वर्ष 2019 में अपनी सरकार के कामकाज का हिसाब देने की बात करते हैं। हम कहते हैं कि जो समय गुजर गया उसी का हिसाब दे दें। लोहिया जी कहते थे कि जिंदा कौमें पांच साल इंतजार नहीं करती हैं।
उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को विकास कार्यों पर एक बार फिर चुनौती देते हुए कहा, ‘‘प्रधानमंत्री काम और उपलब्धियों की बहस कहीं भी करना चाहें, हम तैयार हैं. चाहे गंगा मैया के किनारे घाट हों या खजांची का गांव। मोदी जी ने आरोप लगाया कि मैंने रमजान पर ज्यादा बिजली दी और दीवाली पर कम। काशी को 24 घंटे बिजली सिर्फ समाजवादी सरकार ने ही दी है।
अखिलेश ने किसानों की कर्जमाफी के भाजपा के चुनावी वादे और दावे का जिक्र करते हुए कहा कि जहां तक कर्जमाफी की बात है तो जरुरी नहीं है कि प्रदेश में भाजपा की सरकार हो। महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ समेत देश के तमाम किसान इंतजार कर रहे होंगे कि उत्तर प्रदेश के साथ-साथ उनका भी कर्ज माफ हो। कहीं यह तो नहीं कि यूपी के किसानों का वोट लेने के लिये बात की जा रही हो।
मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिये पात्रों के चयन में भेदभाव के भाजपा के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए लैपटाप वितरण तथा कन्या विद्याधन योजना के इस वर्ष के शुरुआती कुछ लाभार्थियों के नाम भी पढे। उन्होंने कहा कि नोटबंदी से भ्रष्टाचार और आतंकवाद रूकने की बात कही गयी थी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उत्तर प्रदेश में चुनाव हो रहा है, जहां चुनाव नहीं है, वहां नोटबंदी का असर अब भी दिख रहा है।
अखिलेश ने प्रधानमंत्री मोदी के परीक्षा में नकल के आरोप पर भी पीएम को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मैं तो कहूंगा कि जिन बच्चों को मैंने लैपटाप दिया है और जिन बेटियों को कन्या विद्याधन दिया है, उनमें से कोई भी नकल से पास नहीं हुआ होगा। मैं लैपटाप और कन्या विद्याधन पाने वाले विद्यार्थियों से अपील करुंगा कि वे इल्जाम लगाने वालों को चुनाव में सबक सिखाएं। सपा अध्यक्ष ने दावा किया कि उनकी पार्टी और कांग्रेस का गठबंधन प्रदेश विधानसभा की 300 तक सीटें जीत कर बहुमत की सरकार बनायेंगे।