अब सरकार एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचेगी

आर्थिक डेस्क
-लोकसभा में उड्डयन मंत्री ने दी आज जानकारी
-पिछले साल सरकार की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने की योजना रही विफल
-एयर इंडिया पर 50000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का कर्ज

नई दिल्ली। अब एक बार फिर दोबारा एयर इंडिया को बेचने के लिए सरकार ने कमर कस लिया है। इस बार सरकार ने एयर इंडिया की 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने का निर्णय लिया है। मालूम हो कि मोदी सरकार ने पिछले साल एयर इंडिया की 76 प्रतिशत हिस्सेदारी बेचने के लिए बोलियां मंगवाई थीं, लेकिन कोई खरीदार नहीं मिला। इसके बाद ट्रांजेक्शन एडवाइजर ईवाय ने बोली प्रक्रिया विफल रहने के कारणों पर रिपोर्ट तैयार की थी। रिपोर्ट के आधार पर इस बार शर्तों में बदलाव किया गया है।
लोकसभा में आज उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इस बात कजानकारी देते हुए बताया कि नई सरकार बनने के बाद एयर इंडिया स्पेसिफिक अल्टरनेटिव मैकेनिज्म (एआईएसएएम) को फिर से गठित किया गया था। एआईएसएएम पूरी तरह विनिवेश की मंजूरी दे चुका है। गौरतलब है कि एयर इंडिया काफी समय से घाटे में चल रही है। 2018-19 में 8,556.35 करोड़ रुपए का घाटा हुआ था। आज के समय में एयरलाइन पर 50,000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का कर्ज है। इसलिए सरकार एयर इंडिया को बेचना चाहती है। मार्च तक बिक्री प्रक्रिया पूरी करने की योजना है। अब देखना है कि सरकार इस बार एयर इंडिया को बेच पाती है कि नहीं। वैसे इस साल बोली की शर्तें आसान की गईं।

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