आयकर विभाग ने 400 बेनामी सम्पत्ति पकड़े

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-600 करोड़ रुपये की संपत्तियां भी कीं कुर्क
-देशभर में 24 बेनामी प्रतिबंध यूनिट तैनात
-ड्राइवर के पास मिली 7.7 करोड़ रु. की संपत्ति
-आयकर विभाग नया बेनामी कानून को अमल में लाना चाहता है
नई दिल्ली। मोदी सरकार ने एक बार फिर कालेधन व बेनामी सम्पत्तियों के मामले में मोर्चा खोल दिया है। एक ओर जहां इस मामले में बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री लाल यादव की बेटी निशाने पर है वहीं दूसरी ओर आयकर विभाग ने 240 मामलों में 400 से अधिक बेनामी सौदों का पता लगा कर बड़ी कामयाबी हासिल की है, इस दर्मयान विभाग ने 600 करोड़ रुपये की संपत्तियां कुर्क की है।
 आयकर विभाग ने बुधवार को दिल्ली में दर्जन भर आईएएस रैंक के अधिकारियों व पूर्व अधिकारियो ंके घरों पर भी छापा मारा। आयकर विभाग ने बेनामी सम्पत्ति मामले में जंग छेड़ने के तहत पिछले सप्ताह देशभर में 24 बेनामी प्रतिबंध यूनिट “बीपीय“ू बनाई हैं। सरकार व विभाग कानून के तहत अधिकतम सात साल की सजा और जुर्माने का प्रावधान करने के पक्ष मंे है। चल और अचल, प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष, मूर्त और अमूर्त संपत्ति, यदि उसके वास्तविक लाभ प्राप्त कर्ता स्वामी के बजाय किसी अन्य के नाम पर हों, तो उसे बेनामी संपत्ति कहा जाता है।
एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि आयकर जांच निदेशालय ने 23 मई, 2017 तक 400 से अधिक बेनामी लेनदेन की पहचान की थी। इनमें बैंक खातों में जमा, जमीन का टुकड़ा, फ्लैट और ज्वेलरी शामिल है। बयान में कहा गया है कि कानून के तहत 240 से अधिक मामलों में अस्थायी रूप से संपत्तियों को कुर्क किया गया है। कुर्क की गई संपत्तियों का मार्किट वैल्यू 600 करोड़ रुपये के करीब हैं।
आयकर विभाग ने कहा कि कोलकाता, मुंबई, दिल्ली, गुजरात, राजस्थान और मध्य प्रदेश में 40 से अधिक मामलों में अचल संपत्तियों को कुर्क किया गया है। इसके अलावा विभाग ने भ्रष्ट व्यवहार के जरिये कमाए धन का पता लगाने के लिए पिछले एक महीने में 10 वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के परिसरों पर छापेमारी भी की है। विभाग ने बताया कि जबलपुर में एक मामले में एक ड्राइवर के नाम 7.7 करोड़ रुपये की जमीन थी। इस जमीन की वास्तविक मालिक मध्य प्रदेश की सूचीबद्ध कंपनी और उसका मालिक है।

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