विजय श्रीवास्तव
-कर्नाटक में एक सड़क हादसा में नेवी जवान दीपक दूबे की मौत
– वाराणसी स्थित घर पर शव पहुंचते मचा कोहराम
-घर का एकलौता चिराग था दीपक
वाराणसी। शनिवार को उस समय एक माॅ का सपना चूर-चूर हो गया जब उसका एकलौता बेटा इंडयिन नेवी के मेरीन इंजीनयिर के पद पर तैनात आफिसर दीपक दुबे उर्फ ईशान की कर्नाटक में सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी। मात्र 24 वर्ष के इस नेवी जवान का जब सोमवार को शव राजकीय सम्मान के साथ वाराणसी पहुंचा तो घर सहित पूरे मुहल्ले में कोहराम मच गया। हर कोई अपने नेवी जवान की एक झलक देखना चाहता था। सोमवार को देर शाम को मणिकर्णिका घाट पर तीनों सेनाओं के जवानों ने परिवार की मौजूदगी में पूरे सम्मान के साथ अन्तिम संस्कार किया।
गौरतलब है कि दीपक दूबे कर्नाटक के काराबरा में (जो गोवा से 200 किमी दूर है) इंडियन नेवी के मेरीन में इंजीनियर के पोस्ट पर तैनात थे। शनिवार को वह कुछ सरकारी कागजात लेकर अपने बुलेट से निकले थे। इसी दौरान पीछे से आ रही टैंकर ने उन्हें टक्कर मार दिया। जिससे वह बुरी तरह घायल हो गए। हॉस्पिटल ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मौत हो गई।
गौरतलब है कि दीपक के मां-बाप उनके साथ ही कर्नाटक में रहते थे। ऐसे में मां-बाप को अधिकारियों ने एक ऑफिसर के साथ वाराणसी भेज दिया। फिर अधिकारियों ने दीपक के चाचा हरी दुबे को फोन पर उनकी मौत की सूचना दी। कर्नाटक से दीपक की डेड बॉडी पूरे राजकीय सम्मान के साथ सोमवार को वाराणसी पहुंची, जहां तीनों सेनाओं के अधिकारियों ने पुष्प चक्र चढ़ाकर सलामी दी। तत्पश्चात डेडबॉडी पर से राष्ट्रीय तिरंगा दीपक के पिता ने उतार कर सेना के अधिकारियों को सौंपा। मणिकर्णिका घाट पर दीपक का अंतिम संस्कार उनके पिता केदारनाथ दुबे ने किया। इस दौरान सेैकड़ो के संख्या में उनके परिजन व काशी वासी मौजूद थे।
उनके असामायिक मृत्यु पर 24टाइम्सटूडे.काम के संपादक व उनके करीबी डाॅ आलोक कुमार ने कहा कि दीपक दूबे की मौत ने हम सबकों झकझोर कर रख दिया है। देश सेवा के लिए संकल्पित दीपक सदैव जवानों के लिए प्रेरणाश्रोत रहेंगे। भगवान उनके माता-पिता को धैर्य प्रदान करें जिससे वे अपने लाड़ले के सदमें को बर्दास्त कर सके।