देश की अर्थव्यवस्था को अभी और लग सकता है झटका, सिंगापुर के डीबीएस बैंक ने दी चेतावनी

आर्थिक डेस्क

  • चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर 4.5 फीसदी पहुंची
    -वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही की जीडीपी में बढ़त दर महज 4.3 फीसदी की चेतावनी
    -कई अन्य एजेंसियों ने भी भारत में आर्थिक मंदी की दी थी चेतावनी
    नई दिल्ली। लगातार आर्थिक मंदी के दौर से गुजर रही देश की अर्थव्यवस्था को अभी और झटका लग सकता है। सिंगापुर के डीबीएस बैंक ने देश की अर्थव्यवस्था को अभी और नीचे गिरने की चेतावनी दी है। बैंक ने अपनी चेतावनी में कहा है कि तीसरी तिमाही की जीडीपी में बढ़त 4.3 फीसदी ही रहने का अनुमान है। वैसे इसके पहले कई और एजेंसियां जीडीपी ग्रोथ के प्रति अपनी चिन्ता जाहिर कर चुकी हैं।
    गौरतलब है कि दूसरी तिमाही में जीडीपी का आंकड़ा 4.5 फीसदी पहुंच गया है। सिर्फ 3 महीने में जीडीपी की दर में 0.5 फीसदी की गिरावट आई है। जिससे मंदी के दौर से गुजर रही भारतीय अर्थव्यवस्था को एक और झटका लगा है। चालू वित्त वर्ष (2019-20) की दूसरी तिमाही में भारत की विकास दर में यह बड़ी गिरावट आई है। अब जीडीपी ग्रोथ का आंकड़ा 4.5 फीसदी पहुंच गया है। यह करीब 6 साल में किसी एक तिमाही की सबसे बड़ी गिरावट है। इसी दौरान सिंगापुर के डीबीएस बैंक की चेतावनी ने भारत को हिला दिया है। अपनी चेतावनी में बैंक ने कहा है कि भारत में इस साल की दूसरी छमाही में आर्थकि सुस्ती और गहरा सकती है। डीबीएस ने कहा है कि तीसरी तिमाही की जीडीपी में बढ़त दर महज 4.3 फीसदी ही रह सकती है।
    डीबीएस बैंक ने अपनी डेली इकोनॉमिक रिपोर्ट में कहा है, तीसरी तिमाही में रियल जीडीपी में बढ़त 4.3 फीसदी ही रह सकती है, जबकि दूसरी तिमाही में यह करीब 5 फीसदी रहने का अनुमान है। डीबीएस का कहना है कि निजी क्षेत्र की सुस्त गतिविधि के साथ ही अगली तिमाहियों में महत्वपूर्ण खपत क्षेत्र में भी कमजोरी और बढ़ सकती है।
    भारतीय रिजर्व बैंक के सर्वे से पता चलता है कि रोजगार और आय की खराब दशाओं की वजह से कंज्यूमर सेंटीमेंट भी डाउन है। प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर संग्रह में भी मांग घटी है, क्योंकि बैंकों द्वारा सख्ती बढ़ाने से कर्ज वितरण की रफ्तार भी सुस्त पड़ी है।वैसे सरकार द्वारा राजकोषीय खर्च बढ़ने की उम्मीद की जा रही है, जो इस साल की पहली छमाही में आम चुनावों की वजह से सुस्त पड़ गई थी।
    रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने भी कहा है कि वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही में भारत की वृद्धि दर घटकर 4.7 फीसदी रह सकती है। भारतीय स्टेट बैंक की एक रिपोर्ट में यह चेतावनी दी गई कि जुलाई से सितंबर की तिमाही में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (ळक्च्) में बढ़त की दर 5 फीसदी से भी नीचे आ सकती है। यही नहीं, पूरे वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान जीडीपी बढ़त दर घटकर 6 फीसदी से नीचे आ सकती है।
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