
विजय श्रीवास्तव
-एक दिन में कोरोना के रिकॉर्ड 18552 नए मामले
-एक दिन में 384 ने तोड़ा दम
-पिछले 24 घंटे में संक्रमित मरीजों की तादाद 508953 पहुंची
नई दिल्ली। सरकार के लाख दावंे के बाद भी कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या थमने का नाम नहीं ले रही है। लाॅकडाउन हटने के बाद जिस दिन से देश ने अनलॉक की तरफ कदम बढ़ाया, वहीं दूसरी ओर कोरोना ने अपने कदम तेजी से बढ़ाया है। आज देश में कोरोना से संक्रमित मरीजों की तादाद 508953 पहुंच चुकी है। कोरोना से संक्रमण के कारण देश में अब तक 15685 लोगों की जान जा चुकी है। वेैसे भले ही हम यह सोच कर खुश हो लें कि अब तक 295881 लोगों ने कोरोना को मात भी दी है, तो शायद हम गफलत में हैं।

आज इस बात से इन्कार नहीं किया जा सकता है कि कोरोना को लेकर देश में जम कर राजनीति हो रही है। वह चाहे केन्द्र में बैठी भाजपा हो चाहे वह विपक्ष। सरकार अपनी पीठ थपथपानें व गुणगान में ही व्यस्त है। 5 लाख का आंकड़ा पार करने के बाद भी अभी भी सरकार के सामने इससे निपटने के लिए कोई ब्लू प्रिन्ट नहीं है। सरकार इस वैश्विक महामारी के समय भी वर्चुअल रैली के माध्यम से अपनी उपलब्धि गिनानें में अपनी पूरी उर्जा झोंक रही है। जिसमें भाजपा के बूथ कार्यकर्ता से लेकर सांसद-मंत्री तक ने पूरी जान लगा दी है। काश यही टीम अगर कोरोना दूर भगाने में सरकार लगाती तो निश्चय ही आज शायद हम 5 लाख का आंकड़ा पार नहीं कर पाते। कोरोना को छोड कर आज सरकार के हर सांसद व मंत्री बोलने के लिए तैयार है। अगर हर सांसद व विधायक को अगर आज अपने क्षेत्र में रहकर कोरोना से निपटने व पीडित लोंगों की सहायता करने का आदेश सरकार दे ंतो निश्चय ही तस्वीर कुछ और देखने को मिले। जहां तक विपक्ष की बात की जाए तो यह देश में अब हर आदमी समझ झुका है कि सरकार व विपक्ष एक दूसरे की आलोचना के लिए ही बनंे हैं लेकिन सरकार को यह कदापि नहीं भूलना चाहिए कि हर प्रश्न का जवाब सरकार चला रही पार्टी को ही देना पडता है। चीन, नेपाल, पाकिस्तान प्रकरण ने भी आज कहीं न कहीं कोरोना की लडाई को कमजोर किया है।

दिल्ली को छोड कर अन्य प्रदेश की सरकार कोरोना की लडाई अपने ढंग से लड रही हैं। दिल्ली शायद इस लिए कि राजधानी के साथ आज हर सांसद व मंत्री का ठिकाना दिल्ली है। महाराष्ट्र, तमिलनाडु सहित अन्य प्रदेशों में कोरोना अपने पूरे रफ्तार मंे हैं। महाराष्ट्र में एक दिन में 5000 से अधिक नए मामलों की पुष्टि हुई. तमिलनाडु में संक्रमण के 3645 जबकि राजधानी दिल्ली में 3460 नए केस सामने आए हैं। दिल्ली में निश्चय ही सरकार व प्रदेश सरकार के संयुक्त प्रयास के चलते ही कुछ रफ्तार कम हुई है। यही प्रयास अगर हर राज्य में हो तो निश्चय ही रफ्तार कम होगी। सरकार को अपना-पराया का ध्यान झोड कर उसे आगे आना होगा और आज केवल लाॅकडाउन हटाने व लगाने के लिए सर्वदलीय बैठक से इतर हट कर इस पर रणनीति ब्लूप्रिन्ट बनाने की जरूरत है। बयानबाजी से बाहर निकल कर सरकार को धरातल पर उतरने की जरूरत है तभी इस वैश्विक महामारी को निपटने में हम कामयाब होंगे।