पं. प्रसाद दीक्षित
-देवी सिद्धिदात्री की पूजा से जीवन में संपूर्णता आती है
वाराणसी। नवरात्रि के नौवें दिन मां सिद्धिदात्री के पूजन अर्चन से भक्तों को जीवन में अद्भुत सिद्धि एवं क्षमता प्राप्त होती है, जिसके फलस्वरूप पूर्णता के साथ सभी कार्य संपन्न हो जाते हैं। माता सिद्धिदात्री की कृपा प्राप्त होने से सभी लौकिक एवं परलौकिक मनोकामनाएं पूर्ण होती है। नवरात्रि में देवी की आराधना कर सिद्धि प्राप्त करना जीवन के हर स्तर में संपूर्णता प्रदान करता है। माता दुर्गा अपने भक्तों को ब्रह्मांड की सभी सिद्धियां प्रदान भी करती हैं।
देवी भागवत पुराण के मतानुसार भगवान शिव ने भी इन्ही की कृपा से सिद्धियों को प्राप्त किया था। सिद्धिदात्री देवी की कृपा से भगवान शिव का आधा शरीर देवी का हुआ और वह लोक में अर्धनारीश्वर के रूप में स्थापित हुए।
नवरात्रि पूजन के अंतिम दिन भक्त एवं साधन माता सिद्धिदात्री की शास्त्रीय विधि-विधान से पूजा करते हैं। माता सिद्धिदात्री चतुर्भुज एवं सिंह वाहिनी हैं गति के समय वे सिंह पर तथा अचला रूप में कमल पुष्प के आसन पर बैठती हैं। माता के दाहिनी ओर के नीचे वाले हाथ में चक्र ऊपर वाले दाहिने हाथ में गदा रहती है, और बाई ओर के नीचे वाले हाथ में शंख तथा ऊपर वाले हाथ में कमल पुष्प रहता है। नवरात्रि के नव दिन जातक अगर एकाग्रता एवं निष्ठा से इनकी विधिवत पूजा करें तो उसे सभी सिद्धियां प्राप्त हो जाती हैं। सृष्टि में कुछ भी प्राप्त करने की सामर्थ भक्तों में आ जाती है। देवी ने अपना यह स्वरूप भक्तों पर अनुकंपा बरसाने के लिए धारण किया है स आज के दिन कुमारी कन्याओं को खिलाना सर्वोत्तम होता है। इससे देवी का पूर्ण आशीर्वाद प्राप्त किया जा सकता है। नवमी के दिन देवी के निमित्त होम अवश्य करें, इससे सौभाग्य की प्राप्ति होती है। आज के दिन व्यभिचार से दूर रहें तथा अनर्गल बातों पर ध्यान ना दें।