ब्रेकिंग न्यूज-गोरखपुर हादसा: आखिरकार भ्रष्टाचार-लापरवाही का हुआ खुलासा, डीएम ने सौपी रिपोर्ट

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-जांच रिपोर्ट से ऑक्सीजन सिलेंडर आपूर्ति में भ्रष्टाचार का खुलासा
-अभी तक 100 से अधिक हो चुकी है मौत
गोरखपुर। आखिरकार गोरखपुर बीआरडी मेडिकल काॅलेज में विगत दिनों मासूमों की मौत में बडा लापरवाही व भ्रष्टाचार के खुलासा की बात सामने आ ही गयी। बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण हुई मासूम बच्चों की मौत मामले में अपनी जांच रिपोर्टे जिलाधिकारी ने सौंप दिया है। जिसमें ऑक्सीजन सिलेंडर सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स और ऑक्सीजन यूनिट के इंचार्ज डॉक्टर सतीश कुमार को लापरवाही के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
जिलाधिकारी ने अपने रिपोर्ट में कहा है कि मामले को लेकर सतीश को लिखित रूप से अवगत भी कराया गया था, लेकिन उन्होंने ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति में बाधा पैदा की। वह ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई के लिए जिम्मेदार हैं। वह इसके लिए दोषी हैं। इसके अलावा स्टॉक बुक में लेनदेन का पूरा ब्योरा भी नहीं लिखा गया। सतीश की ओर से स्टॉक बुक का न तो अवलोकन किया गया और न ही उसमें हस्ताक्षर किया गया, जो सतीश की लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने इसको गंभीरता से नहीं लिया और घोर लापरवाही बरती।
जिलाधिकारी की रिपोर्ट में ऑक्सीजन सप्लायर कंपनी को भुगतान न होने के पीछे वित्तीय अनियमितता करने की मंशा का भी जिक्र किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि कंपनी ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई रोकने के लिए जिम्मेदार है। मासूम बच्चों की जिंदगी को देखते हुए कंपनी को ऑक्सीजन सिलेंडर की सप्लाई नहीं बंद करनी चाहिए थी। वहीं, ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनी पुष्पा सेल्स के यूपी डीलर मनीष भंडारी ने कहा था कि संभवतः ये मौतें ऑक्सीजन के लिए जरूरी सिलेंडर की कमी से नहीं, बल्कि हॉस्पटिल में सिलेंडर चेंज के दौरान लापरवाही से हुई हों। इसके साथ ही उन्होंने बताया कि ऑक्सीजन का पेमेंट के लिए प्रमुख सचिव को करीब 100 लेटर लिखें जा चुके है।
इस घटना को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने गोरखपुर का दौरा किया था।
 

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