भगवान् बुद्ध के उपदेश मानव जीवन में बहुत ही उपयोगी : प्रो. राम नन्दन सिंह

अजय कुमार मौर्य
-संघलोक सेवा आयोग में पुनः पालि को विषय के रूप में शामिल करने की मांग
वाराणसी। राष्ट्रीय संस्कृत विश्वविद्यालय, लखनऊ केन्द्र के बौद्ध दर्शन विभाग के आचार्य प्रो. राम नन्दन सिंह ने कहा कि भगवान् बुद्ध के उपदेश मानव जीवन में बहुत ही उपयोगी है। जिस भाषा में भगवान् बुद्ध ने उपदेश दिया था उस भाषा का पठन-पाठन भारत सरकार को भलि-भाँति करना चाहिए, उसके लिए उन्होंने पालि विश्वविद्यालय की स्थापना हो। उक्त बातें 12वें पालि दिवस समारोह के द्वितीय-सत्र की अध्यक्षता करते हुए प्रों राम नन्दन सिंह ने कही।
प्रो सिंह ने कहा कि संघलोक सेवा आयोग में पुनः पालि को विषय के रूप में रखा जाना चाहिए ताकि पालि भाषा का महत्व आम जनमानस तक पहुँच सकें, इसलिए पालि भाषा को पुनः लागू किया जाना चाहिए। पालि सोसायटी ऑफ इण्डिया के महासचिव एवं सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के श्रमण विद्या संकाय के अध्यक्ष प्रो. रमेश प्रसाद ने बीज वक्तव्य तथा स्वागत भाषण देते हुए कहा कि भगवान् बुद्ध द्वारा उपदेशित मध्यम मार्ग की वर्तमान समय में बहुत ही प्रासंगिक है। उन्होंने कहा कि यह मध्यम मार्ग का सम्यक रूप से अनुशीलन करने से व्यक्ति का कल्याण हो सकता है। इस ऑनलाइन वेबिनार को डाॅ. कैलाश प्रसाद (बोधगया), डाॅ. कृष्ण चन्द्र पाण्डेय (वर्धा) और डाॅ. अनिमेष प्रकाश (वाराणसी) ने सम्बोधित किया।
सत्र का आरम्भ डाॅ. भिक्षु धर्मप्रिय थेरो की बुद्ध वन्दना से हुआ। संचालन श्री अजय कुमार मौर्य, आशीर्वाचन डाॅ. भिक्षु नन्दरतन थेरो तथा धन्यवाद ज्ञापन डाॅ. निगम मौर्य (कुशीनगर) ने धन्यवाद ज्ञापन किया। भिक्षु आलोक कुमार बौद्ध ने अपना तकनीकी सहयोग प्रदान किया।

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