
विजय श्रीवास्तव
-महाबोधि सोसायटी आॅफ इण्डिया के 88 वां वार्षिकोत्व समारोह सम्पन्न
वाराणसी। महाबोधि सोसायटी आॅफ इण्डिया के 88 वें वार्षिकोत्व समारोह के अवसर पर धर्मसभा में मुख्य वक्ता के पद से सम्बोधित करते हुए ऑल इंडिया एक्सिक्यूटिव मेंबर, आर एस एस एवं मुस्लिम राष्ट्रीय मंच मुंबई के मार्गदर्शक डॉ इंद्रेश कुमार ने कहा कि भारत ने सदैव भगवान बुद्ध के सिद्धान्तों का पालन किया है। भारत ने विपरित परिस्थिति में भी उनके पालन का सदैव ध्यान रखा। पाक पर सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान भी भगवान बुद्ध के सिद्धांतों को ध्यान में रखकर हमला किया। भारत ने उन्हीं जगहों पर हमला किया, जहां इंसान को शैतान बनाया जा रहा था। भारत कभी भी अहिंसा परमो धर्मा का रास्ता नहीं त्यागा।
मंगलवार को आयोजित धर्मसभा इन्दे्रश कुमार ने कहा कि शिक्षा संस्थानों का मौलिक उद्देश्य है कि वे अपने छात्रों को अच्छा नागरिक बनाएं उनका ज्ञान बढ़ाए और निरोग रहे,वे कभी हिंसा न करें लेकिन हिंसा करने वालों को सबक भी सिखाए,वें अधर्म के रास्ते पर ना जाएं लेकिन धर्म को न छोड़ें। था। मानव से मानव के बीच छुआछूत की भावना पैदा करना सबसे बड़ा अपराध है। हमें मानवता का प्रतीक बनकर लोगों की भलाई कर प्रकाश व सुगंधित जीवन बनाना चाहिए। सदियों से भारत में विश्व को सद्भाव शांति भाईचारा का पाठ पढ़ा कर विश्व गुरु बना है। और भविष्य में भी बना रहेगा। स्वच्छ भारत बनाने के लिए हमें पेड़ लगाने के साथ जल बचाना होगा। और छुआछूत जैसी महामारी को दूर करना होगा।
भारत में श्रीलंका के उच्चायुक्त ऑस्टिन फर्नांडो ने कहा कि बुद्ध के उपदेशों को उनके शिष्यों ने देश के कोने-कोने तक फैलाया। बुद्ध का संदेश सदैव प्रासंगिक रहा है। आज के परिस्थितियों में बुद्ध के संदेश की महत्ता और बढ गयी है। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजाराम शुक्ला ने कहा कि बुद्ध को शास्त्रों में सर्वज्ञान कहां गया है, जब कोई महापुरुष से अवतरित होते हैं वह महापुरुष ही होते हैं। बुद्ध ने विश्व कल्याण के लिए उद्देश्य दिए।
इस मौके पर शहर उत्तरी विधायक रविंद्र जयसवाल, भिक्षु के सिरी सुमेध थेरों, भिक्षु सुमितानंदन, दीपक चैधरी, भिक्षु नंद सहित अन्य लोगों ने अपने विचार रखे।
स्वागत महाबोधि सोसायटी के संयुक्त सचिव भन्ते के मेघांकर थेरो ने तथा धन्यवाद विज्ञापन महाबोधि विद्या परिषद के अध्यक्ष प्रो राम मोहन पाठक ने किया। इस दौरान सोसायटी के महासचिव भन्ते पी सिबली थेरो ने लोंगो को पंचशील का पाठ कराया। संचालन महाबोधि इन्टर कालेज के प्राचार्य डाॅ बेनी माधव ने किया।
शाम को पूरे मूलंगध कुटी विहार को हजारों दीपों से सजाया गया था। इस दौरान श्री लंका व ताइवान से कलाकार अपने पारम्परिक वेश भूषा व वाद्य यन्त्रों को बजाते हुए नृत्य किया। इससे पूर्व सुबह मूलंगध कुटी विहार स्थिति बुद्ध मन्दिर में विधिवत पूजा पाठ किया गया । इस दौेेरान बोधि वृक्ष के समीप विशेष पूजा व विश्व शान्ति प्रार्थना के साथ तीन दिवसीय पूजा का समापन हो गया।
