राजनीतिक पटल
-कांग्रेस से किसी भी प्रकार के गठबंधन से इनकार
-मायावती छत्तीसगढ में पहले ही अजीत जोगी से मिला चुकी है हाथ
-दिग्विजय सिंह ने कहा था कि मायावती पर सीबीआई और ईडी का दबाव है
नई दिल्ली। बसपा सुप्रीमो मायावती ने महागठबंधन की एक बार और हवा निकालते हुए कांग्रेस को फिर एक बड़ा झटका देते हुए मध्यप्रदेष व राजस्थान में गठबंधन से साफ इनकार कर दिया है। आज दिल्ली में प्रेस कान्फे्रस में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि कांगे्रस से गठबंधन न होने का ठीकरा दिग्विजय सिंह और कुछ अन्य कांग्रेसी नेताओं पर फोड़ते हुए मध्य प्रदेश और राजस्थान में अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। साथ ही यह भी कहा कि मैं व राहुल गांधी दोंनो गठबंधन चाहते हैं लेकिन इन नेताओं के चलते यह संभव नहीं है।
गौरतलब है कि मायावती पहले ही छत्तीसगढ कांग्रेस को झटका देते हुए अजीत जोगी की पार्टी से हाथ मिला चुकी हैं। उन्होंने आज स्पश्ट षब्दों में कहा कि मध्यप्रदेश और राजस्थान में उनकी पार्टी कांग्रेस से तालमेल किसी भी कीमत पर नहीं करेगी। उन्होंने कहा कि राजस्थान और मध्य प्रदेश बीएसपी अकेले अपने बलबूते चुनाव लड़ेगी। मायावती ने कहा कि दिग्विजय सिंह और कुछ अन्य नेता कांग्रेस-बीएसपी गठबंधन नहीं होने देना चाहते। उन्होंने ये भी कहा कि ये लोग बीजेपी के एजेंट की तरह काम कर रहे हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने एक समाचार चैनल से इंटरव्यू में कहा था कि मायावती पर सीबीआई और ईडी का दबाव है, जिसकी वजह से वह कांग्रेस के साथ नहीं आ रही हैं। उन्होंने कहा कि वह मायावती का सम्मान करते हैं और उनकी मजबूरी भी समझते हैं।
वैसे बसपा सुप्रीमों मायावती को 14 अरब के स्मारक घोटाले में दो दिन पूर्व बड़ी राहत मिली है जब इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मामले की जांच सीबीआई या एसआइटी से कराए जाने की अर्जी खारिज कर दी है। अदालत ने याचिका में पब्लिक इंट्रेस्ट न होने का हवाला देते हुए इसे खारिज किया है। वैसे यह मार्के की बात है कि राज्य सरकार ने इस तरह की मांग उठाने वाली अर्जी को खारिज किये जाने की सिफारिश की थी। सरकार की संस्तुति पर ही अदालत ने सीबीआई या एसआईटी जांच का आदेश दिए जाने की मांग को लेकर दाखिल की गई अर्जी को खारिज कर दिया। राज्य सरकार ने अदालत को यह भरोसा दिलाया कि स्मारक घोटाले की विजिलेंस जांच तेजी से चल रही है और जल्द ही इसे पूरा भी कर लिया जाएगा।