

विजय श्रीवास्तव
-प्रभु उपहार की तरह प्रभुउपहार भवन श्रेष्ठ एवं दिव्य बने: ब्रह्माकुमारी सुरेंद्र दीदी
-मानव जीवन परमात्मा प्रदत्त उपहार है: ब्रह्माकुमार दीपेंद्र
-ब्रम्हाकुमारी संस्था मानव को बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा देती है: डाॅ कमल कुमार
मिर्जापुर। प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी संस्था के शुक्लहा स्थित प्रभुउपहार भवन का नौवां वार्षिकोत्सव समारोह आज आज भव्यता के साथ मनाया गया। उक्त अवसर पर वाराणसी से पधारी संस्था की क्षेत्रीय निर्देशिका ब्रह्माकुमारी सुरेंद्र दीदी ने उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि जैसे भवन का नाम प्रभु प्रसाद है ऐसे ही यहां पर आने वाले जनमानस का जीवन भी प्रभु उपहार की तरह श्रेष्ठ एवं दिव्य बन जाएगा। इस दौरान ब्रहमाकुमारी बहनों ने अपने दिव्य स्वरूपों द्वारा सुन्दर नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया।
संस्था के क्षेत्रीय प्रबंधक ब्रह्माकुमार दीपेंद्र ने कहा कि मानव जीवन परमात्मा प्रदत्त उपहार है जिसका हमें भरपुर आनंद लेने की जरुरत है। यह भवन आज के दुःख अशांति एवं बुराइयों से संतप्त मानव को श्रेष्ठता एवं दिव्यता का मार्ग दिखाएगा ।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक डाॅ कमल कुमार ने मानव को बेहतर जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली यह संस्था दिन दुगनी रात चैगुनी उन्नति प्रगति करता जाए जिसे पुरी मानवता का कल्याण हो सके ऐसी मेरी शुभकामना है। कार्यक्रम में चुनार से पधारी वरिष्ठ राजयोगिनी कुसुम दीदी, ऊरई से ब्रहमाकुमारी मीना दीदी, चुनार से आए हुए वरिष्ठ राजयोगी बी के पंकज, सारनाथ वाराणसी के क्षेत्रीय मीडिया एवं जनसंपर्क प्रमुख बीके विपिन भाई, स्थानीय शाखा प्रभारी ब्रम्हाकुमारी बिंदु दीदी आदि ने भी अपनी शुभकामनाएं प्रदान की ।
कार्यक्रम में ब्रहमाकुमारी बहनें किरण, राजकन्या, नीता, रूपाली, कंचन, नीति, शीला, महिमा, आरती, दिव्या, नेहा आदि ने अपने दिव्य स्वरूपों द्वारा सुन्दर नृत्य नाटिका प्रस्तुत किया ।
नन्हीं बच्ची नेहा ने भक्तिन् मीरा के जीवन की सजीव प्रस्तुति दी तो प्ले वे स्कुल की बच्चियों ने स्वागत नृत्य पेश किय। कार्यक्रम का संचालन बिन्ध्याचल के समाजसेवी प्रदीप भाई ने तो अतिथियों का आभार मीरजापुर प्रभारी ब्रह्माकुमारी बिन्दु दीदी ने किया। कार्यक्रम में ब्र कु मालवर सिंह, सारनाथ क्षेत्रीय कार्यालय की ब्रह्माकुमारी बहनें सरिता, निशा, रेखा, तापोशी, पूनम, प्रीति , भाई सत्यनारायण, राजु, जगदीश आदि की उपस्थिति रही।