विजय श्रीवास्तव
-राहुल गांधी के दावं से पूर्वांचल बनेगा 2019 का सबसे बड़ा रणक्षेत्र
-ज्योतिरादित्य को महासचिव के पद के साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी
-राहुल के इस कदम से भाजपा में बैचेनी
वाराणसी। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज ऐसा दांव खेला जिसका काट अब भाजपा सहित सपा-बसपा के लिए बहुत आसान नहीं होगा। राहुल गांधी ने आज अपनी बहन प्रियंका गांधी को कांग्रेस का महासचिव बनाते हुए पूर्वांचल यूपी का प्रभारी बना दिया इतना ही नहीं उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया को भी महासचिव का कमान देते हुए उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की जिम्मेदारी सौप दी। राहुल गांधी का यह दांव 2019 के लोकसभा के चुनाव में कितना कारगर होगा यह तो समय बतायेगा लेकिन राहुल गांधी के इस दांव से भाजपा सहित सपा-बसपा खेमें में बेचैनी अवश्य बढा दी है। वैसे प्रियंका को उतारने से भाजपा को काग्रेंस वशंवाद पर एक और मुद्दा मिल गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने अपने इस कदम से यह साबित करने की कोशिश की है कि सपा-बसपा के महागठबंधन के बाद भी वह बैकफुट पर नहीं आए हैं। अभी उनके पास तरकस में कई तीर पडें हैं। लोकसभा चुनाव के पहले बड़ा दांव खेलकर अपनी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा को राजनीति में उतारने से इतना निश्चय है कि यूपी में कोमा में चल रही कांग्रेस में राहुल गांधी ने एक जान फूकने का काम किया है। इसका निश्चय ही दूरगामी परिणाम होगें। वहीं ज्योतिराजे सिंधिया के भी आने से यूपी में युगल युवा जोडी को कम आकंना किसी भी पार्टी के लिए राजनीति भूल ही होगी। राहुल गांधी ने वैसे आज एक और अच्छा दाव खेला। मालूम हो कि बसपा ने सपा से गठबंधन के दौरान कांग्रेस पर भी जमकर अपनी भडास निकाली थी। जबकि वहीं आज कांग्रेस के राहुल गांधी ने मीडिया से बातचीत के दौरान सपा व बसपा के नेताओं के प्रति साफ्ट कार्नर रखते हुए दोंनो पार्टी को एक बार महागठबंधन में कांग्रेस को शामिल करने के लिए फिर से सोचने पर मजबूर कर दिया है।
मध्यप्रदेश से ज्योतिरादित्य सिंधिया को हटा कर यूपी में उतारने के पीछे राहुल गांधी की मंशा क्या है वह तो वहीं जाने लेकिन इतना तय है कि अगर ज्योतिरादित्य सिंधिया अगर यूपी में कांग्रेस को अच्छी जीत दिला पाते हैं तो निश्चय ही इसके लिए उन्हें राहुल गांधी अच्छा पुरस्कार दे सकते हैं। मध्यप्रदेश में जीत जिलाने में ज्योतिरादित्य सिंधिया के मेहनत को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है। गौरतलब है कि अभी तक लगातार पांच बार ज्योतिरादित्य सिंधिया लोकसभा चुनाव में जीत दर्ज कर अपनी क्षमता का प्रदर्शन दिखा चुके हैं।
राहुल गांधी ने प्रियंका गांधी को पूर्वांचल की जिम्मेदारी सौंप कर सीधे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ खडा कर दिया है। पहली बार सक्रिय राजनीति में खुल कर आयी प्रियंका इन दो दिग्गजों को कितना टक्कर दे पायेगीं, यह काफी दिलचस्प होगा लेकिन इस बात से इन्कार भी नहीं किया जा सकता है कि कांग्रेस के इस महात्वाकांक्षी चाल से भाजपा खेमे में जबरदस्त बैचेनी है।