
विजय श्रीवास्तव
-घायलों को जिला अस्पताल व सैफई पीजीआई में भर्ती किया गया
-घटना शनिवार आज तड़के 3.30 बजे की है
-नींद में था ट्रक ड्राइवर, जिससे हुआ बडा हादसा
-घायलों में ज्यादातर लोग बिहार, झारखंड और बंगाल के हैं
-इससे पहले 8 दिन में चार बड़े हादसों में 32 मजदूरों की मौत हो चुकी है
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के औरेया जिले से आज सुबह-सुबह बुरी खबर आयी। जब प्रवासी मजदूरों से भरी एक ट्रक में एक अन्य ट्रक ने टक्कर मार दी जिससे 24 मजदूरों की मौत हो गई और इस घटना में 20 लोगों से अधिक घायल हो गये। ये सभी राजस्थान से आ रहे थे। पुलिस सूत्रों ने बताया कि मजदूर चूने से भरे एक ट्रक में सवार थे। चिरूहली क्षेत्र के पास पहले से खड़े ट्रक से यह ट्रक टकरा गया। टक्कर के बाद दोनों ट्रक गड्ढे में पलट गए। जिला प्रशासन मौके पर मौके पर राहत कार्य शुरू कर दिया है। आनन-फानन में घायलों को जिला अस्पताल व सैफई पीजीआई भेज दिया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार औरेया के समीप मजदूरों को लेकर आ रही ट्रक सड़क पर खड़ी थी तभी एक तेज गति से रही ट्रक ने उसमें टक्कर मार दी। उक्त घटना तड़के 3.30 बजे की है। घटना के वक्त अंधेरा था, इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाने में काफी दिक्कत आई। प्रशासन के साथ आसपास के लोगों ने मदद की और घायलों को अस्पताल पहुंचाया गया। हादसे में जख्मी एक मजदूर ने बताया कि ट्रक में 40 लोग सवार थे। घटना की जानकारी होते ही औरेया की एसपी सुनीति सिंह और कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गयी। पुलिस राहत और बचाव कार्य में जुटी है. जो लोग गंभीर रूप से घायल हैं उनको कानपुर के हैलट अस्पताल में रेफर किया गया है। घटना को देखते हुए मृतकों की संख्या में इजाफा होने की आशंका जताई जा रही है। औरेया के डीएम अभिषेक सिंह के अनुसार सड़क हादसा सुबह 3.30 बजे हुआ. इस घटना में 23 लोगों की मौत हुई है और 15-20 लोग घायल हैं. घायलों में ज्यादातर लोग बिहार, झारखंड और बंगाल के हैं।
प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है और पीड़ित परिवारों के प्रति संवेदना जाहिर की है। मुख्यमंत्री ने सभी घायलों को फौरन उचित इलाज मुहैया कराने का निर्देश दिया है। मुख्यमंत्री ने कानपुर के कमिश्नर और आईजी को निर्देश दिया के वे घटनास्थल का दौरा करें और जल्द से जल्द घटना के कारणों की रिपोर्ट दें।

गौरतलब है कि विगत दिनों केन्द्र व प्रदेश सरकारों के सही आपसी तालमेल न होने के कारण प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुचाने की समुचित व्यवस्था न होने के कारण भूखे-प्यासे हजारों की संख्या में मजदूर अपने छोटे-छोटे बच्चों परिवार के साथ पैदल घर के लिए निकले को मजबूर हैं। जिसके चलते मजदूरों के साथ कई घटनाएं हुई हैं। जिसमें दर्जनों की संख्या में मजदूरों की दर्दनाक मौत की खबरें सुनने को मिली। केन्द्र व प्रदेश सरकारों को इन प्रवासी गरीब मजदूरों को घरों पहुंचाने के लिए युद्धस्तर पर ब्लूप्रिन्ट तैयार करने होंगे तभी इस तरह से घटनाओं को रोका जा सकता है। अन्यथा जैसे-जैसे गर्मी बढेगी फिर लोगों के गर्मी से झूलसने व लू से मरने की खबरें भी सुनने को मिलेगी। इसलिए बेहतर है कि सरकारों को इस दिशा में गंभीरता से विचार कर त्वरित काम करना चाहिए।