
विजय श्रीवास्तव
-ध्वनि प्रदूषण को लेकर उच्च न्यायालय के निर्देश पर उप्र सरकार ने जारी किए फरमान
-बगैर अनुमति पर लाउडस्पीकर लगाने पर होगी कडी कार्रवाई
-सरकार ने 10 पृष्ठ का लाउडस्पीकर के सर्वेक्षण का प्रोफार्मा जारी किया है
लखनऊ। दिनांे दिन बढ रहे ध्वनि प्रदूषण को लेकर अब उत्तर प्रदेश सरकार ने गंभीर पहल प्रारम्भ कर दी है। अब ऐसे लोंगो की खैर नहीं जो बिना अपने घरों या आयोजनों में लाउस्पीकर व साउंडबाक्स लगा कर ध्वनि प्रदूषण फैलाते हैं। इलाहाबाद उच्च न्यायालय के निर्देश पर उत्तर प्रदेश सरकार ने ध्वनि प्रदूषण नियमों को कड़ाई से लागू करने का फैसला लिया है। जिसके तहत अब लाउस्पीकर आदि लगाने के पहले जिला प्रशासन से अनुमति लेनी होगी। अन्यथा आप पर कार्रवाही हो सकती है।
राज्य के गृह विभाग के प्रमुख सचिव अरविंद कुमार ने जारी विज्ञप्ति में यह जानकारी दी है। इसके साथ ही जिलाधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि सभी स्थानों में लगे लाउडस्पीकरों को चिन्हित किया जाय। सर्वेक्षण कर यह पता लगाया जाये क्या लाउडस्पीकर लगाने से पहले उसकी अनुमति ली गयी या नहीं। बगैर अनुमति लाउडस्पीकरों लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाये। उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर लगाने के लिये सभी मानकों का पालन किया जाये। गौरतलब है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ खंडपीठ ने बीते 20 दिसंबर को राज्य में ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण में नाकामी को लेकर कड़ी नाराजगी जताई थी और राज्य सरकार से पूछा था कि क्या प्रदेश के सभी धार्मिक स्थलों, मस्जिदों, मंदिरों, गुरुद्वारों या अन्य सार्वजनिक स्थानों पर लगे लाउडस्पीकर संबंधित अधिकारियों से इजाजत लेने के बाद लगाये गए हैं या नहीं। अदालत की लखनऊ खंडपीठ ने प्रदेश के धार्मिक स्थलों एवं अन्य सरकारी स्थानों पर बिना सरकारी अनुमति के लाउडस्पीकर बजाने पर सख्त ऐतराज जताया था।अदालत ने प्रमुख सचिव गृह एवं उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के चेयरमैन को यह सारी सूचना अपने व्यक्तिगत हलफनामे के जरिये एक फरवरी तक पेश करने का आदेश दिया था। अदालत ने दोनों अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि ऐसा नहीं करने की स्थिति में दोनों अधिकारी अगली सुनवायी के समय व्यक्तिगत रूप से हाजिर रहेंगें।
कोर्ट की गंभीरता को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने 10 पृष्ठ का लाउडस्पीकर के सर्वेक्षण का प्रोफार्मा जारी किया है। इसमें स्थायी रूप से लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत लेने का फॉर्म और जिन लोगों ने लाउडस्पीकर लगाने की इजाजत नहीं ली है, उनके खिलाफ की गयी कार्रवाई की विस्तृत जानकारी देने को कहा गया है।