विजय श्रीवास्तव
-पेट्रोल भरवाते समय बाइक में लगी आग
-डीएम की सतर्कता से टला बड़ा हादसा
-वहीं एक लड़की के एसएमएस करने पर ईद पर उसके घर भेजवाए कपड़े
वाराणसी। वाराणसी के जिलाधिकारी योगेश्वर राम मिश्र जहां प्रशासन में दक्ष हैं वहीं अपने दरियादिली के लिए भी चर्चित है लेकिन आज ईद के दिन उनके दो काम ने काशीवासियों का दिल जीत लिया। एक ऐसे गरीब मुस्लिम परिवार में उन्होंने आज जो खुशिया दी शायद वो कभी नहीं भूल सकेगीं। वहीं दूसरी ओर उन्होंने जो दूसरा काम किया उससे उनका एक नया ही चेहरा लोंगो को देखने को मिला। आज उनकी सूझ-बुझ व सतर्कता के चलते एक पेट्रोल पंप पर आगजनी की भयंकर वारदात होते-होते बची।
बताया जाता है कि आज सुबह एक पेट्रोलपंप पर एक बाइक सवार पेट्रोल भरवा रहा था तभी अचानक बाइक में आग लग गयी। देखते-देखते पूरे बाइक में आग पकड़ लिया। यह देखकर जहां पेट्रोलपंप पर तेल भरवा रहे लोग भागने लगे वहीं पेट्रोलपंप कर्मचारी भी भागने लगे। तभी संयोग से वहां से गुजर रहे डीएम योगेश्वर राम मिश्र की नजर पड़ी, उन्होंने कार रुकवाकर खुद मोर्चा संभाल लिया। उन्होंने तत्काल अपने सहयोगियों और पेट्रोल पंप कर्मियों से आग पर काबू पाने वाला सिलेंडर मंगवाया और स्वंय लग कर आग पर काबू पा लिया। डीएम योगेश्वर राम मिश्रा मीडियाकर्मियों से बताया कि, पेट्रोल पंप पर पेट्रोल भरवाकर निकलते समय अचानक एक बाइक में आग लग गई। इस दौरान पेट्रोल भरवा रहे लोगों और पंप कर्मचारियों में अफरा-तफरी मच गया। लोग आग को बुझाने की बजाय अपनी-अपनी बाइक छोड़कर जान बचा भाग खड़े हुए। इससे क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल हो गया। मैं कबीरचैरा स्थित राजकीय महिला चिकित्सालय में निर्माणाधीन मैटरनिटी विंग के कार्यों का निरीक्षण करने जा रहा था। इस दौरान पेट्रोल पंप पर अफरा-तफरी का माहौल देखकर तुरंत अपनी कार रुकवाई। फिर अपने सुरक्षाकर्मियों से आग की गोले में तब्दील बाइक को बांस के सहारे पेट्रोल पंप से धकेलकर सड़क पर किया। इसके बाद पेट्रोल पंप पर लगे अग्निशमन यंत्र से बाइक में लगी आग को बुझवाया।
वहीं दूसरी ओर उनके प्रयास से 13 वर्षो से ईद का त्योहार नहीं मना रहे एक गरीब मुस्लिम परिवार में आज इस तरह धूम-धूम धाम से ईदा मनायी गयी कि वह परिवार शायद ही कभी जीवन में इस ईद व डीएम को भूल पाये। मालूम हो कि वाराणसी की एक लड़की ने डीएम योगेश्वर राम मिश्रा के मोबाईल पर मंडुआडीह शिवदासपुर निवासी शबाना ने डीएम को एक एसएमएस भेजा जिसमें उसने लिखा कि ‘‘ डीएम सर नमस्ते, मेरा नाम शबाना है और मुझे आप की थोड़ी सी हेल्प की जरूरत है। सर ईद हमारा सबसे बड़ा त्यौहार है। सब लोग नए कपड़े पहनेंगे, लेकिन हमारे परिवार में किसी का भी कपड़ा नहीं आया। मेरे माता-पिता नहीं है। घर में मैं, मेरी नानी और छोटा भाई है।‘‘ मैसेज में उसने बताया कि 13 साल से उनके घर ईद नहीं मनी। इसलिए वो ईद देकर हमारी खुशियां लौटा लाइए। इस दिल को छू लेने वाले मैसेज को पढ़ने के बाद डीएम ने अपने अधिकारी को उसके घर सच्चाई पता लगाने के लिए भेजा। रिपोर्ट के बाद जब पता चला कि उसके माता-पिता का 2004 में निधन हो गया है जिसके बाद से गरीबी के चलते उनके घर में ईद नहीं मनी। डीएम योगेश्वर राम मिश्रा शबाना के स्थिति से रूबरू होने के बाद उन्होंने उप-जिलाधिकारी सदर सुशील कुमार गौड़ को इस संबंध में निर्देशित किया कि मेरी ओर से शबाना को सूट, नानी को साड़ी और छोटे भाई को जींस व टी-शर्ट भेजे जाएं। साथ ही मिठाई और सेवई के लिए 1000 रूपए अलग से पहुंचाया जाए।
गौरतलब है कि डीएम ने एक बार इसी तरह से एक बार रथयात्रा में एक दम्पत्ति के सड़क दुर्घटना के दौरान अपने वाहन से उन्हें अस्पताल भेज कर स्वंय टैम्पों से अपने आवास पहुचे थे।