
विजय श्रीवास्तव
-बाढ़ का पानी अभी सैकडों घरों में
-बाढ़ ने बढ़ाई राहगीरों की मुश्किलें, लग रहा जाम
-करोडो की फसलें जलमग्न
वाराणसी। गंगा के जलस्तर में भी कमी आने अब लोंगो को राहत मिलने लगी है। बनारस में कल सुबह से ही गंगा के जलस्तर में गिरावट हो रही है। शुक्रवार की रात नौ बजे गंगा का जलस्तर 72.08 मीटर तक पहुंच गया। 12 घंटे में गंगा के जलस्तर में 24 सेंटीमीटर का घटाव दर्ज किया गया है। बनारस में गंगा अभी खतरे के निशान से 82 सेमी ऊपर बह रही हैं। सुबह आठ बजे तक गंगा के जलस्तर में एक सेमी प्रतिघंटे की रफ्तार से घटाव हो रहा था। वैसे बाढ़ में कमी आने की वजह से अपने पीछे छोड़े गए मलबे और कीचड़ से बीमारियों का खतरा अब बढ़ने से लोग भयग्रस्त है।

केंद्रीय जल आयोग के अनुसार सुबह 10 बजे गंगा का जलस्तर 72.23 मीटर था। फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 85.47 मीटर, प्रयागराज में 84.55 मीटर व मिर्जापुर में 78.04 मीटर था। वहीं, बृहस्पतिवार की रात आठ बजे वाराणसी में गंगा का जल स्तर 72.32 मीटर था जो रात 12 बजे तक स्थिर बना रहा। इसके बाद घटाव शुरू हुआ। गंगा के ऊपरी हिस्से यानी फाफामऊ, प्रयागराज व मीरजापुर में घटाव गुरूवार से ही शुरू हो गया था। फाफामऊ में दो सेमी से जल स्तर में घटाव हो रहा था तो प्रयागराज में तीन सेमी घटाव था।

वाराणसी में वैसे अभी भी गंगा व वरूणा के तटीय इलाकों में पानी लगा है। गंगा व वरूणा के किनारें सटे गलियों में अभी भी 2 से 4 फीट तक पानी लगा है। जिससे लोंगो को आने जाने में परेशानी का सामना करना पड रहा है। पुरानापुल, नक्खीघाट इलाकों की स्थिति अभी भी भयावह बनी हुई है। लोंग अभी भी सैकडों की संख्या में घर छोड कर दूसरे स्थानों पर रहने के लिए मजबूर है। वैसे गंगा का लगातार घटते जलस्तर घटने के बाद कॉलोनियों सड़कों और घरों में जमा गाद और शिल्ट की सफाई करने को लेकर लोग परेशान होने लगे। बारिश का पानी कॉलोनियों में खाली प्लाट में भरने के कारण बदबू से लोग परेशान होने लगें।
स्वास्थ्य विभाग की ओर से शहरी और ग्रामीण इलाकों में केंद्र बनाने के साथ ही अब बाढ़ राहत शिविरों में भी टीकाकरण किया जा रहा है।गंगा और वरुणा की बाढ़ के चपेट में आए इलाकों में यातायात जाम से लोग परेशान हैं। सामनेघाट-लंका मार्ग पर जलजमाव के कारण यातायात रोक दिया गया तो वहीं लंका से डाफी हाईवे मार्ग पर वाहनों का दबाव बढ़ने से रोजाना जाम लग रहा है। वहीं कोनिया, राजघाट से पड़ाव के बीच भी जाम से लोग बेहाल हैं। बीएचयू और लंका स्थित निजी चिकित्सालयों में इलाज को आने वाले अधिकतर वाहन पहले सामनेघाट पुल से होकर गुजरते थे, लेकिन बाढ़ के चलते सामनेघाट-नगवा चुंगी मार्ग को बंद कर दिया गया।