
विधि डेस्क
-तीस हजारी कोर्ट ने जांच एजेंसी सीबीआई को भी लगाई फटकार
-कुलदीप सिंह अदालत में ही फूट-फूटकर रोया
-सह आरोपी शशि सिंह को कोर्ट ने किया बरी, सुन कर हुई बेहोश
नई दिल्लीं। आखिरकार उन्नाव गैंगरेप केस में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर गिरफ्त में आ ही गये। आज दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को दोषी ठहराया। कोर्ट ने सह आरोपी महिला शशि सिंह को बरी कर दिया है। मालूम हो कि शशि सिंह ही नौकरी दिलाने के बहाने पीड़िता को कुलदीप सेंगर के पास लेकर गई थी, जिसके बाद सेंगर ने पीड़िता का बलात्कार किया। अदालत ने 10 दिसंबर को सभी पक्षों को सुनने के बाद फैसला 16 दिसंबर के लिए सुरक्षित रख लिया था। 19 दिसंबर को सजा पर बहस होगी।
गौरतलब है कि जून 2017 में कुलदीप सिंह सेंगर ने पीड़िता का अपहरण करके बलात्कार किया गया था। इस दौरान वह नाबालिग थी। यह मामला उस समय सुर्खियों में आया था जब पीड़िता और उसकी मां ने मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की थी। पीड़िता के पिता के खिलाफ 3 अप्रैल 2018 को शस्त्र अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया था और पुलिस हिरासत में अत्यधिक पिटाई के कारण उसकी मौत हो गई थी। इसी क्रम में 28 जुलाई को चाचा से मिलकर वापस लौटने के दौरान रायबरेली में पीड़िता, उसकी चाची, मौसी व वकील की कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी। इसमें चाची और मौसी की मौत हो गई थी, जबकि पीड़िता व उसके वकील घायल हो गए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश से लखनऊ से दिल्ली लाकर घायलों को एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां कई दिन तक इलाज चला। इस घटना ने राजनीतिक सियायत में गर्मी ला दी है। विपक्ष भाजपा पर हमलावर हो गयी अन्ततः यूपी के बांगरमऊ से चार बार के विधायक सेंगर को अगस्त 2019 में बीजेपी से निष्कासित कर दिया गया था। इस केस में कुल 5 एफआईआर दर्ज किए गये थे। जिसमें से एक पर कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया है। बाकी में अभी भी सुनवाई इसी कोर्ट में चल रही है, जिसमें पीड़िता के पिता की कस्टडी में हुई मौत, सड़क दुर्घटना में उसके परिवार से मारे गई दो महिला, और पीड़िता के साथ किए गए गैंगरेप और उसके चाचा के खिलाफ कथित रूप से झूठा मामले दर्ज करने से जुड़े मामले शामिल है। तीस हजारी कोर्ट ने विधायक कुलदीप सेंगर को धारा 120 बी (आपराधिक साजिश), 363 (अपहरण), 366 (शादी के लिए मजबूर करने के लिए एक महिला का अपहरण या उत्पीड़न), 376 (बलात्कार और अन्य संबंधित धाराओं) और च्व्ब्ैव् के तहत दोषी पाया है।
इस दौरान बहुचर्चित इस मामले में आज तीस हजारी कोर्ट ने जांच एजेंसी सीबीआई को भी जमकर फटकारा लगाई। कोर्ट ने कहा कि पीड़िता ने अपनी और परिवार की जान बचाने के लिए इस केस को देर से रजिस्टर कराया गया। कोर्ट ने कहा कि हम पीड़िता की मन की व्यथा को समझते हैं। कोर्ट ने कहा कि गैंगरेप वाले केस में सीबीआई ने एक साल चार्जशीट दाखिल करने में क्यों लगाया ? कोर्ट ने जब उसकी महिला सहयोगी शशि सिंह को अदालत ने संदेह का लाभ देते हुए बरी किया तो फैसला सुनते ही शशि सिंह अदालत में बेहोश हो गई। वहीं अपनेे दोषी ठहराए जाने पर कोर्ट में ही विधायक कुलदीप सिंह सेंगर रोने लगा।