शिव की नगरी में एक दिन में 14,73,200 पोैधरोपण

विजय श्रीवास्तव
-सीएम के निर्देश पर रविवार को विशेष अभियान के तहत हुए पौधारोपण
-वृक्षारोपण का थीम था ‘‘ज्यादा वृक्ष, ज्यादा आक्सीजन’’
-प्रदेश में जन आन्दोलन कार्यक्रम के तहत एक दिन में 30 करोड़ वृक्षारोपण

वाराणसी। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर 30 करोड़ वृक्षारोपण जन आन्दोलन कार्यक्रम के अन्तर्गत रविवार को एक दिन में 25 करोड़ पौध रोपण कार्यक्रम के अन्तर्गत वन महोत्सव के अवसर पर जनपद में वन विभाग एवं अन्य विभागों द्वारा 14,73,200 पौध लगाने का लक्ष्य पूर्ण किया गया है। शासन द्वारा प्राप्त निर्देशों के अनुरूप वाराणसी जनपद में स्मृति वाटिका का स्थापना भी किया गया है।
जनपद में मुख्य कार्यक्रम शासन द्वारा नामित नोडल अधिकारी अपर मुख्य सचिव डॉ0 देवेश चतुर्वेदी की उपस्थिति में रमना स्थित गढ़वा घाट पर गंगा किनारे 3000 पौध लगाकर स्मृति वाटिका की विधिवत भूमि पूजन कर स्थापना की गयी। कार्यक्रम में नोडल अधिकारीध्अपर मुख्य सचिव डॉ0 चतुर्वेदी, विधायक सुरेन्द्र नारायण सिंह, वन विभाग के अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी सहित जनपद स्तर के अधिकारी, सी०आर०पी०एफ० एवं इको टास्क फोर्स के जवान, गढ़वा घाट आश्रम के साधु-संत सहित वृक्षारोपण जन आन्दोलन में भागीदार स्वयं सेवी संस्थाओ के पदाधिकारी उपस्थित रहे।

मुख्य कार्यक्रम में अर्जुन, जामुन, बेल, बांस आदि प्रजाति के 3000 पौधे वाराणसी जनपद में कोरोना महामारी में मृत कोराना वारियर्स की स्मृति में लगाये गये। यह कार्य कुल 2.50 हे0 ग्राम समाज की भूमि पर गंगा तट पर ग्रीन बेल्ट के रूप में संरक्षित कर विकसित किया जायेगा। इस वर्ष कोरोना महामारी की पृष्ठभूमि में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले पौधे को अधिकाधिक संख्या में रोपित किए जाने हेतु वृक्षारोपण की थीम थी कि ‘‘ज्यादा वृक्ष, ज्यादा आक्सीजन’’ वृहद वृक्षारोपण पर्यावरण में आक्सीजन का संतुलन बनाये रखने में मददगार होगी। पौधारोपण के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करते हुए सामाजिक दूरी के साथ पौधारोपण कार्य पूरा किया गया। पेड़ों की सुरक्षा के लिए भौगोलिक टैगिंग के साथ ही ट्री गार्ड भी लगाए जाएंगे।


गौरतलब है कि वन महोत्सव के अवसर पर आज रविवार को प्रदेश में 25 करोड़ पौधे लगाए जाने के लक्ष्य के क्रम में जनपद में एक दिन में पौधे लगाए जाने हेतु विभागों को पौधारोपण किए जाने हेतु किए गए लक्ष्य निर्धारण में वन विभाग द्वारा 5 लाख 65 हजार, ग्राम विकास विभाग द्वारा 544385, कृषि विभाग द्वारा 103729, उद्यान विभाग द्वारा 67417, पंचायती राज विभाग द्वारा 60756, राजस्व विभाग द्वारा 60756, नगर विकास विभाग द्वारा 57768, पर्यावरण विभाग द्वारा 41500, रेशम विभाग द्वारा 16441, उच्च शिक्षा विभाग द्वारा 8831, रेलवे विभाग द्वारा 2075, जल शक्ति विभाग द्वारा 3752, लोक निर्माण विभाग द्वारा 4565, पुलिस विभाग द्वारा 498, स्वास्थ्य विभाग द्वारा 3884, पशुपालन विभाग द्वारा 3486, उद्योग विभाग द्वारा 3287, आवास विकास विभाग द्वारा 24971, रक्षा विभाग द्वारा 6225, सहकारिता विभाग द्वारा 2490, प्राविधिक शिक्षा द्वारा 2291, ऊर्जा विभाग द्वारा 3752, उद्योग विकास विभाग द्वारा 1394, माध्यमिक शिक्षा द्वारा 1215, बेसिक शिक्षा द्वारा 1215, श्रम विभाग द्वारा 1096 एवं परिवहन विभाग द्वारा 1096 सहित कुल 1028875 पौधे रोपित किए जाने हेतु निर्धारित किया गया था। सिंचाई विभाग द्वारा आराजीलाइन के संजोई, सेवापुरी के अमिनी, मनियारीपुर, पिण्डरा में बाबतपुर बाबतपुर, पंचायती राज विभाग द्वारा पिंडरा के वार, राजस्व विभाग द्वारा विकास खंड- बड़ागांव के कठिराव, अनेई, तड़सड़ा, बरहीकला, पिंडरा के फतेपुर, गजोखर, थाना, भानपुर, नेवादा, भई, बरवा, धरसौना, विकास खंड हरहुआ के पुआरी खुर्द, काशी विद्यापीठ के कंदवा, सेवापुरी विकास खंड के कपसेठी एवं ठठरा, बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा सेवापुरी के सकलपुर, ऊर्जा विभाग द्वारा आराजीलाइन के भतसार, काशी विद्यापीठ अंतर्गत शहर के 2 स्थानों, सेवापुरी के लालपुर, माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा बड़ागांव विकासखंड के कनियर, बरजी, सिंसवा, रसूलहा, पिण्डरा के गंगापुर, चकरमा, कोरी, चिरईगांव के चिरईगांव के सथवा, अराजीलाइन के डगहरिया, रामसिंहपुर, कचनार, दरेखू, कोरऊत तथा सेवापुरी विकास खंड के चकलोला, गोराई, देईपुर, आवास विभाग द्वारा मां की भौमि, काशी विद्यापीठ विकास खंड अंतर्गत शहर के 2 स्थानों पर तथा लोक निर्माण विभाग विकासखंड बड़ागांव के बड़ागांव, चिरईगांव के चिरईगांव, पहड़िया, उमरहा, अंबा, जाल्हूपुर एवं वाराणसी की शहरी क्षेत्र में तथा विकास खंड चोलापुर के कैथी, चोलापुर एवं धरसौना सहित अन्य स्थानों पर विभागों द्वारा वृहद वृक्षारोपण किया गया। वन महोत्सव के इस सघन अभियान में चिको (सपोटा) अमलतास, गुलमोहर, बॉटल ब्रश, कचनार, बॉटल पाम, अशोक, बॉटल ब्रश, एलस्टोनिया, अशोक, नीम, अर्जुन, मौलश्री, गुलमोहर, चंपा जैसे विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए गए हैं। इनमें निम्बू, जटरोफा, हिबिस्कस, हैमेलिया, चांदनी, जस्टिसिया, शेफलेरा, मुरैना, रात की रानी, बोगनविलिया, संसेविया, सिनगोनियम, जेब्रिना, आईपोमिया, एनर्मी आदि भी शामिल रहें।

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