-आईएमए ने कहा कि इस योजना की दरों से भ्रष्टाचार व दांव पर होगी मरीजों की इलाज
-इस योजना के तहत देश में 10 करोड परिवारों को निःशुल्क स्वास्थ्य सुविधा मुहैया होगी
नई दिल्ली। पीएम नरेन्द्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन आयुष्मान भारत का जोरदार झटका लगा है। इस प्रोजेक्ट के तहत सरकार देश के 10 करोड परिवारों को 5 लाख रूपये का स्वास्थ्य इंशुरेन्श करायेगी जिसके तहत उसे साल भर निःशुल्क इलाज संभव हो सकेगा। इसके तहत सरकार 10 बेड तक के सरकारी व प्राइवेट अस्पतालों को इसके दायरें में ला रही है। जहां उनका मुफ्त इलाज सभंव हो सकेगा लेकिन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने केंद्र द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य सुरक्षा मिशन आयुष्मान भारत के तहत घोषित पैकेजों को खारिज करते हुए स्पष्ट शब्दों में कहा है िकइस पैकेज में किसी भी प्रकार से कई बडे आपरेशन संभव नहीं है। इससे केवल भ्रष्टाचार व मरीजों की सुरक्षा दांव पर होगी।
गौरतलब है कि आयुष्मान योजना के तहत कोरोनरी बाईपास (हृदयसंबंधी), घुटना प्रतिरोपण, स्टेंट आदि केंद्र सरकार स्वास्थ्य योजना की तुलना में 15-20 प्रतिशत सस्ती दरों पर उपलब्ध होंगे। जिसके तहत घुटने और कूल्हे प्रतिरोपण के लिए 9000 रुपये, स्टेंट के लिए 40000 रुपये, कोरोनरी आर्टरी बाइपास ग्राफ्टिं के लिए 1.10 लाख रुपये, सीजेरियन प्रसव के लिए 9000 रुपये, एकल स्टेंट के साथ कशेरुकी एंजियोप्लास्टी के लिए 50000 रुपये और गर्भाशयोच्छेदन के लिए 50000 रुपये तय किये गये हैं।
इस सन्दर्भ में रविवार को एक आपात बैठक में आईएमए ने कहा कि पैकेज की यह दरें उसे अस्वीकार्य हैं । इतने कम पैकेज में मरीज को इलाज संभव नहीं होगा। इतनी सस्ती दरों में सेवाओं से समझौता करना होगा और ऐसे में बस भ्रष्टाचार को बढावा मिलेगा। उसने वैज्ञानिक ढंग से मूल्य निर्धारण की मांग की। मालूम हो कि इससे पहले केंद्र के आयुष्मान भारत कार्यक्रम को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने एक हप्ता पहले इस मिशन के प्रभारी से मिलकर अपना समर्थन व सहयोग का आश्वासन दिया था।