सुप्रीम कोर्ट का शिक्षामित्रों को झटका ! समायोजन रद्द पर टीईटी पास बने रहेंगे शिक्षक

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-इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को ठहराया सही
-अब शिक्षक बने रहना है तो करना होगा टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में उम्मीद लगाये बैठे 1.78 लाख शिक्षा मित्रों को  झटका दिया है। वैसे इसके साथ ही  उनके लिए एक राहत भरी भी खबर यह है कि अगर वह टीईटी परीक्षा उत्तीर्ण किये है तो वह शिक्षक बने रहेंगे। अच्छी शिक्षा के लिए योग्य शिक्षकों की नितांत आवश्यकता बताते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश में बतौर सहायक शिक्षक शिक्षामित्रों के  समायोजन को निरस्त करने के इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को सही ठहराया है।
मंगलवार को न्यायमूर्ति आदर्श कुमार गोयल और न्यायमूर्ति यूयू ललित की पीठ ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश को तो सही ठहराया लेकिन कहा कि सहायक शिक्षकों के तौर पर समायोजित किए गए शिक्षामित्रों को रियायत मिलनी चाहिए। शीर्ष अदालत ने शिक्षामित्रों को राहत देते हुए कहा कि अगर ये शिक्षामित्र टीईटी (सहायक शिक्षक के लिए जरूरी अर्हता) पास हैं या भविष्य में पास कर लेते हैं तो सहायक शिक्षकों के लिए होने वाली दो नियुक्ति प्रक्रिया में उन पर विचार किया जाना चाहिए। साथ ही यह भी कहा कि राज्य सरकार चाहे तो समायोजन के पूर्व की स्थिति में शिक्षामित्रों की सेवा जारी रख सकती है। पीठ ने अपने फैसले में कहा कि मामले की गंभीरता को देखते हुए सहायक शिक्षकों की होने वाली दो लगातार नियुक्ति प्रक्रियाओं में टीईटी पास शिक्षामित्रों पर विचार किया चाहिए। संबंधित अथॉरिटी चाहे तो इसमें शिक्षामित्रों को आयुसीमा में छूट दे सकती है और उनके अनुभवों को वेटेज दे सकती है।

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