14 किलो स्वर्णआभूषण से लैस होकर निकले है गोल्डेन बाबा कांवड यात्रा पर

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विजय श्रीवास्तव
-सुरक्षा के लिए उनके साथ चल रहे हैं 18 बाउंसर व 8 निजी असलहाधारी गनर
-प्रशासन गोल्डेन बाबा को लेकर परेशान
-दिल्ली से हरिद्वार तक करते हैं कावंड यात्रा
वाराणसी। भगवान के प्रति श्रद्धा-विश्वास हो तो आदमी हर स्तर पर उतर कर उसके दर्शन के लिए चल पड़ता है लेकिन यही श्रद्धा प्रशासन व अन्य लोंगो के लिए मुसीबत बन जाये तो आप क्या कहेंगे। हाॅ कुछ ऐसा ही दिल्ली में गोल्डेन बाबा के भगवान के प्रति श्रद्धा को लेकर है। गोल्डेन बाबा 14 किलो का सोना पहनकर दिल्ली से कांवड़ यात्रा के लिए निकले हैं वह अपने काफिले के साथ दिल्ली से हरिद्वार करीब 200 मीटर की यात्रा करेगें। उनकी सुरक्षा के लिए उनके साथ चल रहे हैं 18 बाउंसर व 8 निजी असलहाधारी गनर चल रहे हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली के रहने वाले सुधीर मक्कर उर्फ गोल्डेन बाबा दिल्ली के गांधीनगर बाजार में कपड़े और प्रॉपर्टी का काम करते हैं। उनका इंदिरापुरम और गाजियाबाद में आलिशान फ्लैट भी है। गार्मेंट्स के बिजनेस में गोल्डन बाबा पर जैसे धनवर्षा होने लगी। गोल्डन बाबा की कोई संतान नहीं है। गोल्डन बाबा करीब 150 करोड़ के मालिक हैं। उन्हें लोग श्री महंत जी गोल्डन पुरी बाबा के नाम से जानते हैं। गोल्डेन बाबा पिछले वर्ष भी कांवड यात्रा पर गये थे लेकिन इस बार उन्होंने पिछले बार से दो किलों अधिक सोना धारण कर रखा है।  इस बार गोल्डन बाबा के शरीर पर करीब 14.5 किलो सोना होता है, जिनमें 21 सोने की चेन, 21 लॉकेट कई अंगूठियां और यहां तक की सोने की जैकेट भी होती है जिसे वो कभी कभी पहनते हैं। गोल्डन बाबा के काफिले में एक बीएमडबल्यू के अलावा दो ऑडी कार और तीन फॉरच्यूनर कार समेत 16 गाड़ियां शामिल होती हैं। यही नहीं गोल्डन बाबा हाथ में रोलेक्स घड़ी पहनते हैं जिसकी कीमत 27 लाख रूपये है। गोल्डन बाबा ने कहा कि उनकी सोने की नई चेन दो किलो की है जिसमें भगवान शिव का एक लॉकेट है। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान वो ज्यादा सोना नहीं पहनते क्योंकि यात्रा के दौरान आभूषण के भार से उनकी गर्दन में दर्द होने लगता है. उन्होंने ये भी कहा कि साल 2018 में उनकी आखिरी कांवड़ यात्रा होगी।

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