वाराणसी। दिन-प्रतिदिन के तनाव और खिंचाव के बीच खुश रहकर जीवन का आनंद लेना ही आर्ट ऑफ लिविंग है। दूसरे शब्दों में कहा जाए तो वह तकनीक जिसके माध्यम से तनाव और चिंताओं को दूर कर जीवन में खुशी और आनंद लाने की कला सीखी जा सकती है। इसी उद्देश्य को आत्मसात करते हुए वाराणसी में सारनाथ के समीप आर्ट ऑफ लिविंग के तत्वावधान में तीन दिवसीय एक हैप्पीनेस प्रोग्राम का आयोजन किया गया।

अनमोल नगर कालोनी में श्री श्री रविशंकर जी की संस्था आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़े रमेश चन्द्र श्रीवास्तव के आवास पर आयोजित कार्यक्रम में आसपास के दर्जन भर लोंगो ने भाग लिया। तीन दिवसीय कार्यक्रम में आर्ट ऑफ लिविंग के बेसिक कोर्स का सबसे महत्वपूर्ण और अभिन्न हिस्सा है । इस दौरान सुदर्शन क्रिया के बारें में लोंगो ने समझा और उसका अभ्यास किया। जैसा कि आप जानते है कि यह एक अतिविशिष्ट तकनीक है और पूर्णतः व्यवहारिक है। सुदर्शन क्रिया सांस लेने की एक विशेष व क्रमबद्व तकनीक है। यह एक अद़भूत लययुक्त श्वसन प्रक्रिया है।

उक्त शिविर का आयोजन लखनऊ से आए संस्था के प्रशिक्षण अनुराग जी के निर्देशन में किया गया। उन्होंने जहां संस्था के गतिविधियों के बारें में विस्तार से बताते हुए जीवन को सुखी व निरोगी रखने के कला भी सिखायी। इस दौरान सत्संग चर्चा, प्राणायाम के साथ ही सुर्दशन क्रिया के बारें में विधिवत व्यवहारिक ज्ञान के साथ उन्हें इसका अभ्यास कराया गया। इसके साथ अनुराग जी ने आज के माहौल में जहां कि चारों ओर सबकुछ उथल-पुथल है, अशांत है, ऐसे में भी कैसे अपने को आपको आनन्द और खुश रखा जा सकता है, के बारें में विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि आज विश्व के 180 देशों में लाखों लोग आर्ट ऑफ लिविंग के माध्यम से खुश व आनन्द की अनुभूति कर रहे हैं। अनुराग जी बताया कि अमेरिका में आज तीन दिवसीय श्री श्री रविशंकर जी का हैप्पीनेस पर कार्यक्रम चल रहा है जिसका लाइव सीधे 180 देशों में किया जा रहा है।

उक्त शिविर का आयोजन 25 सितम्बर से प्रारम्भ होकर 28 सितम्बर को समाप्त हुआ। कार्यक्रम के समापन पर आयोजक रमेश चन्द्र श्रीवास्तव ने लोंगो को धन्यवाद दिया। साथ ही अपने घर पर सुदर्शन क्रिया को नियमित रूप से करने का आग्रह किया। उक्त शिविर में मधु श्रीवास्तव, शशि भूषण, रेखा श्रीवास्तव, शिल्पा पाण्डेय, विनोद श्रीवास्तव, राजेश यादव, कुसुम यादव, चारू कुशवाहा आदि लोगों ने भाग लिया।