बंगाल के बाद भाजपा को अयोध्या, काशी व मथुरा में झटका, त्रिस्तरीय चुनाव में सपा-बसपा ने दर्ज करायी अपनी जोरदार उपस्थिति

विजय श्रीवास्तव
-अयोध्या में 40 में 8 पर सिमटी भाजपा, सपा का 18 पर कब्जा
-वाराणसी में भाजपा को 8 वहीं सपा को 17 सीट
-मथुरा में बसपा 12 जबकि भाजपा 9 पर सिमटी

वाराणसी। पश्चिम बंगाल में अभी ममता बनर्जी के द्धारा मिली जबरदस्त शिकस्त के दर्द से अभी भाजपा सिसक ही रही थी तभी उसे उत्तर प्रदेश मंे होने वाले जिला पंचायत चुनाव में करारी चोट मिली है। यह चोट इस लिए भी और गहरी हो गयी है कि जिस रामजन्मभूमि अयोध्या के नाम पर भाजपा की कभी सत्ता वापसी तक हुई है वहां उसे करारी हार का सामना करना पडा। वहीं दूसरी उससे भी ज्यादा कष्ट भाजपा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में झेलने को मिल रही है। तीसरी कृष्णनगरी मथुरा जिसको साधने की कोशिश कर रही है वहां भी उसे शिकस्त झेलनी पड रही है। भाजपा की यह तीनों स्थानों पर हार आगामी 2022 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए खतरें को घंटी मानी जा रही है।
त्रिस्तरीय चुनाव के जिला पंचायत चुनाव में इन तीनों स्थानों से मिली करारी शिकस्त भाजपा के लिए किसी बडे संकट से कम नहीं है। इसे विधानसभा के 2022 के सेमीफाइनल के रूप में देखा जा रहा है। पश्चिम बंगाल में भाजपा की पूरी टीम जिस तरह से ममता बनर्जी के खिलाफ चुनावी जंग में उतरी थी, उतनी ही बुरी तरह से वहंा उसकी पराजय देखने को मिली। यह और बात है कि जाते-जाते ममता का नंदीग्राम में चुनाव हारना जरूर थोडी राहत दे गया। वैसे भाजपा के एक दो वरिष्ठ नेताओं का अब यह कहना है कि कोरोना महामारी के चलते पार्टी जिला पंचायत चुनाव पर ध्यान नहीं दे सकी। खैर जो जीता वहीं सिकंदर।


अयोध्या में सपा का परचम


भाजपा को सबसे करारी चोट अयोध्या में लगी जहां भगवान राम की जन्मभूमि को मुक्त कराने के लिए उसने अपनी पूरी उर्जा लगा दी थी। भव्य भगवान राम का मन्दिर बनाने के नाम पर पूरे देश में चंदा भी मांग कर देश को भगवा के रंग में रंगने की पूरी कोशिश की गयी लेकिन अफसोस पार्टी अयोध्या वासियों को ही पूरी तरह से भगवा के रंग में नहीं रंग पायी जिसकी परिणति पंचायत चुनाव में देखने को मिली। यहा 40 जिला पंचायत सदस्य में समाजवादी पार्टी ने 18 सीट पर धमाकेदार जीत दर्ज कर भाजपा को करारा झटका दिया है। भाजपा केवल 8 पर जीत दर्ज कर सकी।

अयोध्या
कुल सीट-40
भाजपा—8
सपा—18
बसपा—4
निर्दलीय–10


काशी में भी समाजवादी पार्टी ने दी करारी शिकस्त


भाजपा को सबसे बडी चोट प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में हार से लगी है। यहां भी मोदी का जादू नहीं चल सका। वाराणसी में भी सपा ने जहां 40 सीट में से 14 पर जीत हासिल की वहीं भाजपा 8 पर ही सिमट कर रह गयी। वाराणसी में 40 सीटों में से 14 के नतीजे आए । नतीजों व रुझान के मुताबिक सपा 17, भाजपा 8, बसपा 5, कांग्रेस 5, अपना दल (एस) 3, भासपा 1, अपना दल (कृष्णा गुट) 1 व आप को 1 जबकि 2 निर्दली चुनाव में जीत दर्ज किया है। काशी में भाजपा की यह हार कई संदेश देती है जो शायद भाजपा के लिए शुभ संकेत नहीं है।

वाराणसी
कुल सीट—40
भाजपा— 8
सपा —17
बसपा —3
कांग्रेस -5
आम आदमी पार्टी— 1
अपना दल एस —3
सुभासपा—1
अन्य– 2


मथुरा में बसपा का परचम, मायावती ने दी भाजपा को शिकस्त


भगवान कृष्ण की नगरी मथुरा में सबसे बडा उलट फेर देखने को मिल रहा है जहां हासियें पर चल रही मायावती की बसपा पार्टी को नयी जिन्दगी मिल गयी। यहां जिला पंचायत चुनाव में कुल 33 सीटों में बसपा ने 12 सीट पर अपना परचम लहराने में जहां सफल रही वहीं भाजपा 9 पर ही सिमट कर रह गयी। रालोद की भी आठ सीटें आई हैं। एक पर सपा और तीन निर्दलीय प्रत्याशियोां ने जीत दर्ज की है। त्रिस्तरीय चुनाव में वैसे इन तीनों जगहों पर कांग्रेस पूरी तरह से साफ दिखी।

मथुरा
कुल सीट- 33
बीएसपी- 12
बीजेपी- 9
आरएलडी- 8
सपा- 1
निर्दलीय- 3 

बहरहाल बंगाल में करारी शिकस्त के बाद यह उसे दूसरी यूपी में शिकस्त मिली। वैसे असम व पुडुचेरी में जीत ने जरूर उसकों मरहम लगाने का काम किया है लेकिन यूपी में त्रिस्तरीय चुनाव भाजपा के लिए यह संदेश देने में पूरी तरह से सफल रही कि आगामी 2022 में होने वाले चुनाव उसके लिए आसान नहीं होने वाले हैं। बंगाल ने जहां विपक्षियों को आक्सीजन का काम किया ही था वहीं अब उत्तर प्रदेश में होने वाले त्रिस्तरीय चुनाव ने समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव व बसपा सुप्रीमों मायावती को 2022 में होने वाले विधानसभा चुनाव के सेमीफाइनल में मजबूती प्रदान करने में काफी हद तक सफल रही।

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