Chandrayaan 3 :अब दिल थाम कर बैठ जाइए Chandrayaan 3 अब ऐसा कुछ करने वाला है जिससे देश के 140 करोड हिन्दुस्तानियो का सीना गर्व से तन जायेगा। चन्द्रयान तीन आखिरकार अपने मिशन के अन्तिम मुकाम पर पहुंच चुका है। लैंडिग साइट पर चन्द्रयान तीन के पहुचते ही इसरो के वैज्ञानिकों में प्रसन्नता का आलम हैं। चन्द्रयान 3 को चन्द्रमा के सतह पर उतरने के लिए अन्तिम बटन जो कि लाल रंग का था उसे दबाना था जिसके दबते ही एक विस्फोट हुआ और चन्द्रयान 3 अपने अन्तिम मिशन के लिए चल पडा।
उक्त घटना चन्द्रमा की सतह से मात्र 100 किलोमीटर की दूरी पर हुआ और इसके साथ ही लैंड व मैडूल को जोडने वाला नट कट गया इसके साथ ही लैंड व मैडूल दोनो अलग हो गये। इस दौरान आपको एक और बात बता दें कि मैडूल भी दो थे जिसमें एक का काम जहां चन्द्रयान 3 को चन्द्रमा के करीब से करीब सतह तक लाना था जो उसने सफलता पूर्वक किया और वहीं दूसरी ओर दूसरे मैडूल लैंडर ने अपना काम करते हुए इसरो के वैज्ञानिकों के कमंाड पर जोरदार विस्फोट के दौरान लैंड व मैडूल अलग अलग हो गये।
यह वह महत्वपूर्ण क्षण था क्योंकि विस्फोट के बाद भी अगर यह दोंनो अलग नहीं हुए होते तो काफी परेशानी बढ सकती थी। इस दौरान कुछ भी हो सकता था। लेकिन इस बडी चुनौती को भी इसरों के वैज्ञानिकों ने सफलता पूर्वक अंजाम दिया। इस चुनौती के क्षण के समय जब लैंड व मैडूल के बीच का बोल्ट कटा तब उसके बीच स्प्रींग एक्टीवेट हो गया और इसने एक मीटर प्रति सेकेंड की गति से बढा दी अपनी गति। यानि जैसे जैसे समय बढता जायेगा दोंनो के बीच की दूरी भी बढती जायेगी और इसी के साथ आज शाम को चार बजे एक और बटन दब गया जिससे अब लैंडर मैडूल धीरे धीरे डी बूस्ट होने लगेगा। जिसका अर्थ हुआ कि वह अपनी गति अब धीरे करने लगेगा और धीरे धीरे चन्द्रमा की सतह की तरफ बढने लगेगा। इस दौरान उसे चन्द्रमा के गुरूत्वाकर्षण से भी जूझना होगा और अगर सब कुछ सफलता पूर्वक रहा तो इतिहास के पन्ने में तेइस अगस्त स्वर्णाच्छरों में लिखा जाएगा।
वैसे 17 अगस्त को जब एक चुनौती आयी कि चन्द्रमा के साइट लैंडिंग के पास पहुंचने पर वहां उल्टी बारिस होने लगी तब बडे ही जैसे धैर्य से वह आगे निकल गया और परिक्रमा करता रहा और जब उल्टी बारिस बंद हो गयी तब वह पुनः लैंडिंग साइट पर उतर गया।Chandrayaan 3 के इस कारनामें से इसरो सहित पूरा विश्व आश्चर्यचकित है। वैसे चन्द्रयान 3 को चन्द्रमा के लैंडिंग साइट तक पहुंचने में उसने लगभग 4 लाख किलोमीटर की दूरी भी सफलता पूर्वक तय की है। इस समय जहां हर आदमी की उत्सुकता चन्द्रयान 3 के मिशन की तरफ हैं वहीं इसके साथ ही रूस के लूना 25 से पहले पहुचने की तरफ भी है। चन्द्रयान 3 के सफलता पूर्वक मिशन के करीब पहुंचने से नाशा भी हैरत में हैं।
विश्व को अब लगने लगा है कि भारत की अत्याधुनिक टेक्नालाजी किसी से कम नहीं हैं। जैसा कि आप जानते हैं कि जहां रूस का चन्द्रमा की तरफ जाने का यह लूना 25 उसका 25वीं बार का प्रयास हैं वहीं भारत का चन्द्रयान 3 तीसरा प्रयास है। इसके बावजूद भारत की अत्याधुनिक टेक्नालाजी से रूस सहित नासा भी आश्चर्यचकित हैं और आज यह स्थिति है कि Chandrayaan 3 चन्द्रमा के काफी करीब पहुंच चुका है या यू कहे कि वह चन्द्रमा के लैंडिंग साइट तक पहुच चुका है। इसकी पुष्टि और कोई नहीं वरन चन्द्रयान 3 ने स्वंय इसरों को मैसेज भेज कर इसकी पुष्टि कर दी है व चन्द्रमा के लैंडिंग साइट पर पहुच चुका हूं। यानि जिस घडी का इन्तजार था वह अब बहुत की करीब आ चुकी है। दिन की बात की जाए तो केवल 4 दिन और घंटे की बात करें तो मात्र 100 घंटे इसरो के तय समय के अनुसार। स्वाभाविक सी बात है कि वर्षो की मेहनत अब चन्द घंटो में सिमट गयी है। हर आदमी की दिल की धडकने तेज हो गयी है।