
विजय श्रीवास्तव
–Digital currency इससे डिजिटलीकरण को बढ़ावा मिलेगा
-प्रारम्भ में डिजिटल करेंसी को देश के 4 शहरों में इसे लांच किया जा रहा है
नई दिल्ली। Digital currency : तकनीक की दुनिया में एक और छलांग लगाते हुए भारत ने 1 दिसम्बर से डिजिटल करेंसी की दुनिया में प्रवेश किया। अब भारत में नोट या सिक्के के जगह डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल होगा। अभी तक भारत में ऑनलाइन पेमेंट के जरिए लेन-देन हो रहा था। अब उससे एक कदम आगे बढते हुए भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने डिजिटल करेंसी को एक दिसम्बर से भारत में लांच किया है। जिसे ई-रुपया की तरह इस्तेमाल किया जा सकेगा। इस डिजिटल करेंसी का नाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) CBDC हैं। यह कैसे काम करेगा, इसका मूल्य क्या होगा, कैसे इससे सामान आदि खरीदा जा सकेगा, यह कहां से मिलेगा आदि तमाम बातां को हम इस आर्टिकल में विस्तार से बताने जा रहे हें।
भारत में वर्तमान में ऑनलाइन पेमेंट का स्वरूप-
प्राचीन काल में मानव किसी न किसी रूप में समान के क्रय-विक्रय के लिए मुद्रा का प्रयोग करता रहा है। समय के साथ इसमें बराबर परिवर्तन होते रहे हैं। आज अगर हम वर्तमान की बात की जाए तो हम जीवन में खरीददारी आदि के लिए जहां कैश में रूपया का इस्तेमाल करते हैं वहीं आजकल ऑनलाइन पेमेंट का प्रचलन भी काफी तेज बढा है। कैश के लिए जहां धातु से बने सिक्के और कागज के बने रूपये के प्रयोग कर रहे हैं वहीं ऑनलाइन पेमेंट के लिए नेट के माध्यम से अपने बैंक में रखे रूपये को यूपीआई, पेटीएम, गुगल पे आदि माध्यम से अपनी जरूरी चीजों के लेन-देन के लिए प्रयोग कर रहे हैं लेकिन तकनीक के इस दौर में रोज नया बदलाव हो रहा है और शायद यह समय की आवश्यकता भी है। हम समय के साथ चलें। कैश के स्थान पर जब लोंगो के सामने ऑनलाइन का विकल्प सामने आया तो आमजन ने शुरू में तो थोडी हिचकिचाहट दिखायी लेकिन धीरे-धीरे आज हम किराने की दुकान से लेकर दूध, सब्जी वाले तक को ऑनलाइन पेमेंट कर रहे हैं और वह भी सहर्ष इस तकनीक को इस्तेमाल कर रहे हैं। आज अधिकतर जमीनों की खरीददारी, बडी-बडी डील आज ऑनलाइन हो रही है। अब इसी कडी में डिजिटल करेंसी एक समय की मांग हैं। विश्व के कई देशों में यह पहले से ही चल रही है। इंडिया में अधिकतर लोग बिट्क्वाइन के बारें जानते हैं। वैसे भारत ने इसे अभी अपने यहां मान्यता नहीं दी हैं लेकिन भारतीय डिजिटल करेंसी को आरबीआई ने मान्यता दी है। उसकी देख-रेख आरबीआई की देखरेख में होगा।
डिजिटल करेंसी (e₹-R) CBDC क्या है-
आरबीआई के अनुसार डिजिटल करेंसी या रूपया सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency) किसी केंद्रीय बैंक की तरफ से उनकी मौद्रिक नीति के अनुरूप नोटों का डिजिटल स्वरूप होता है। इसमें केंद्रीय बैंक पैसे न छाप कर उसके स्थान पर सरकार के पूर्ण विश्वास और क्रेडिट द्वारा समर्थित इलेक्ट्रॉनिक टोकन या खाते जारी करता है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी डिजिटल एक करेंसी कानूनी टेंडर है। भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 में संशोधनों के तहत सरकार ने राजपत्र अधिसूचना के माध्यम से 30 मार्च, 2022 को सीबीडीसी (CBDC) जारी करने के लिए अधिसूचित की गई। CBDC फिएट मुद्रा के समान है और फिएट करेंसी के साथ इसे वन-ऑन-वन एक्सचेंज किया जा सकता है। सीबीडीसी, विश्व भर में, वैचारिक, विकास या प्रायोगिक चरणों में है।
डिजिटल करेंसी (e₹-R) से डिजिटलीकरण को मिलेगा बढ़ावा-
तकनीक के इस युग में भारत का यह कदम निःसन्देह भारत में डिजिटलीकरण को बढ़ावा देगा। जिसके तहत.आरबीआई 1 दिसंबर से इस डिजिटल करेंसी को पायलट प्रोटेक्ट के तौर पर लांच कर रही है। यानि की एक ई-रुपया होगा। जिसे किसी भी सामान्य नोट या करेंसी की तरह आप रोजमर्रा जीवन में इस्तेमाल कर सकेंगे। लोग आसानी से डिजिटल तौर पर इसका लेन-देन कर सकेंगे। दूसरे अर्थो में भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया 1 दिसंबर को जो डिजिटल करेंसी लांच करने जा रही है वह अब आपकी जेब में ये डिजिटल करेंसी के रूप में मौजूद होगा और जिसके माध्यम से आप आराम से लेन-देन कर सकेंगे।
डिजिटल करेंसी देश के चार शहरों में होगा शुरूआत में लांच-
अभी शुरुआती दोर में देश के 4 शहरों में इसे आरबीआई कर रही है।
1- नई दिल्ली,
2- मुंबई,
3-बेंगलुरु और
4-भुवनेश्वर हैं।
आरबीआई के अनुसार शुरूआती दौर में इन चार शहरों में ग्राहक और व्यापारी इसका इस्तेमाल कर सकेंगे। आरबीआई इसे डिजिटल करेंसी बैंकों को उपलब्ध करायेगी। शुरुआती दौर में इन 4 शहरों के बाद इस डिजिटल करेंसी अन्य शहरों में इसके इस्तेमाल की मंजूरी दी जाएगी।

डिजिटल करेंसी शीघ्र ही इन शहरों में भी होगा लांच-
नई दिल्ली, मुंबई, बेंगलुरु और भुवनेश्वर में डिजिटल करेंसी का विस्तार व लांच करने के बाद आरबीआई इसके बाद अहमदाबाद, गंगटोक, गुवाहाटी, हैदराबाद, इंदौर, कोच्चि, लखनऊ, पटना और शिमला जैसे शहरों में भी इसे लांच करने के साथ इसका इस्तेमाल करने के लिए डिजिटल करेंसी जारी करेगी।
डिजिटल करेंसी (e₹-R) का टोकलन चार बैंक जारी करेंगे-
आरबीआई 1 दिसंबर से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को डिजिटल करेंसी का टोकन जारी करेगी। इसके बाद ही यह लोंगो तक पहुंच सकेगा और आमजन इसका उपयोग कर सकेंगे। इस डिजिटल करेंसी को मौजूदा करेंसी की तरह ही इस्तेमाल में लाया जा सकेगा और लोगों के मांग और उपयोगिता के आधार पर इसका विस्तार किया जाएगा।
डिजिटल करेंसी (e₹-R) का टोकन यह बैंक भी भविष्य में करेंगे जारी-
1 दिसम्बर से आरबीआई जहां स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, यस बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और आईडीएफसी फर्स्ट बैंक को डिजिटल करेंसी का टोकन जारी करेगी वहीं इसके बाद अन्य बैंकों में करेंसी को जारी करेगी। जिसमें बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक, एचडीएफसी बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक का नाम शामिल हैं।
डिजिटल करेंसी (e₹-R) का इस्तेमाल नोट की तरह होगा-
आरबीआई के अनुसार डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल आज के नोट की तरह ही होगा। जैसा कि आप जानते हे कि डिजिटल रुपया करेंसी को सैंट्रल बैंक डिजिटल कंरेसी सीबीडीसी का नाम दिया गया है। जिसे मौजूदा करेंसी की तरह इस्तेमाल में किया जा सकेगा। इसका लेन-देन भी नार्मल ट्रांजेक्शन आम लोग कर सकेंगे।

डिजिटल रुपये से कैसे होगा लेन-देन?
आरबीआई के अनुसार यह एक तरह से डिजिटल टोकन ही होगा जो बाकि पैसों व रूपये की तरह ही इस्तेमाल हो सकेगा। आरबीआई के मुताबिक शुरुआत में इस करेंसी को खुदरा व्यापारियों के लिए लांच किया जा रहा है। यह एक प्रकार से आधिकारिक क्रिप्टोकरेंसी ही होगी। जिसे ग्राहक और व्यापारी बैंको के जरिए डिजिटल रुपये (e₹-R) या ई-रुपये की तरह इस्तेमाल में कर सकेंगे। जिस प्रकार से अभी हम 5, 10, 50, 100, 500, और 2000 के नोट का इस्तेमाल कर रहे हैं। ठीक उसी प्रकार हम इस डिजिटल करेंसी का भी इस्तेमाल कर सकेंगे। ये मौजूदा करेंसी की तरह ही होगी. इसमें भी उतने ही यूनिट होंगे।
आज वर्तमान समय की बात की जाए तो जैसे पेटीएम, यूपीआई, गुगल पे आदि अलग-अलग ऐप के जरिए डिजिटल वॉलेट को यूज करते हुए उसमें उसमें एक निश्चित रकम रखते हैं। ठीक उसी प्रकार हम इसमें भी रकम रखकर इसका अपने दिनचर्या जीवन में प्रयोग कर सकते हैं। लोग इसे ऐप के जरिए इस्तेमाल कर सकेंगे और इस डिजिटल करेंसी को अधिकृत बैंक के द्वारा जारी किया जाएगा। सबसे बडी बात यह होगी कि इसका इस्तेमाल एक लीगल टेंजर के साथ होगा। वर्तमान समय में कागजी और सिक्के जैसी मुद्रा की तरह ही इसकी वैल्यू होगी और साथ ही साथ यह पूरी तरीके से सुरक्षित होगी, क्योंकि केंद्रीय बैंक की तरफ से इस करेंसी को डिजिटल फॉम में एक लीगल टेंडर के साथ लांच किया जा रहा है और ये केंद्रीय बैंको की ओर से बाकि बैंको को जारी किया जायेगा। इसके बाद इन बैंको से के जरिए यह आम लोंगो के पास जा सकेगा। एक तरह से यह जहां पूरी तरह से सुरक्षित होगा वहीं बैंक इसमें सरकार और जनता के बीच कए ब्रिज का काम करेंगी। डिजिटल करेंसी (e₹-R) डिजिटल वॉलेट में उपलब्ध होगा। जिसे मोबाइल फोन या कंप्यूटर-लैपटॉप के जरिए इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे सब्सिडियरीज यानी बैंकों के माध्यम से वितरित किया जाएगा।
डिजिटल करेंसी दो भागों में बाटा गया हैं-
सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी सीबीडीसी को आरबीआई बैंक ने दो पार्ट में बांटा है।
1- Retail CBDC सीबीडीसी- खुदरा करेंसी
यह सभी के लिए इस्तेमाल करने लिए उपलब्ध होगा।
2- Wholesale CBDC सीबीडीसी-रिटेल करेंसी
इसे सिर्फ चुनिंदा फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए ही उपलब्ध होगा। इस एक अलग ढंग से डिजाइन किया गया है।
डिजिटल करेंसी सीबीडीसी इन दोनों चीजों के लिए इस्तेमाल किया जा सकेगा और एक आदमी से दूसरे आदमी से इसका लेन-देन होने के साथ व्यापारिक जगहों पर क्यूआर कोड के जरिए इस्तेमाल किया जा सकेगा। इसके साथ ही एक और महत्वपूर्ण बात यह है कि इसके साथ ही इसे दूसरी करेंसी से भी बदला जा सकेगा यानि की इससे आप कागजी नोट भी आसानी से ले सकेंगे। साथ ही बैंक में भी इस जमा करने की सुविधा भी होगी
डिजिटल करेंसी सीबीडीसी पर टैक्स व ब्याज-
सबसे खास बात यह है कि डिजिटल करेंसी सीबीडीसी के इस्तेमाल पर किसी तरह का कोई टैक्स नहीं लगाया गया है। इसके साथ ही म₹त् पर कोई ब्याज भी नहीं मिलेगा और इसे नकद की तरह बैंक में जमा कराया जा सकेगा।
डिजिटल करेंसी से क्या होंगे फायदें-
जहां तक इस डिजिटल करेंसी से फायदें की बात की जाए तो इससे कई फायदें होंगे।
-डिजिटल करेंसी बाद अब जेब में कैश लेकर चलने की आवश्यकता नहीं होगी।
-इसके साथ ही न ही किसी थर्ड पार्टी द्वारा ऑनलाइन पेमेंट की जरूरत अब आदमी को पड़ेगी।
-भारतीय रिजर्व बैंक के तहत जारी डिजिटल टोकन जो होगा उसे वर्तमान में चल रहे कागजी नोट या धातु के सिक्के की तरह कानूनी मान्यता मिलेगी।
-सबसे अधिक ओैर महत्वपूर्ण लाभ यह होगा कि इस डिजिटल रुपया (e₹-R) की जिम्मेदारी किसी कमर्शियल बैंक की नहीं बल्कि त्ठप् की जिम्मेदारी होगी। जिससे यह पूरी तरह से सुरक्षित होगा।
-डिजिटल करेंसी (e₹-R) को और सिक्कों के डिनॉमिनेशन में परिवर्तित किया जा सकेगा।
-डिजिटल रुपये का फायदा एक और होगा कि इसका इस्तेमाल बिना बैंक अकाउंट के भी किया जा सकेगा।
.त्ठप् का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका को लगाम लगाया जा सकता है।
-इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी।
-इससे एक और फायदा होगा कि सरकार का इसपर बेहतर नियंत्रण होगा कि पैसा कैसे देश में प्रवेश करता है। जो उन्हें भविष्य के लिए बेहतर बजट और आर्थिक योजनाओं के लिए जगह बनाने और कुल मिलाकर अधिक सुरक्षित वातावरण बनाने की अनुमति भी देने में मददगार साबित होगा।
डिजिटल करेंसी (e₹-R) के पायलट प्रोजक्ट का क्या अर्थ है-
पायलट प्रोजक्ट का अर्थ है कि एक वास्तविक समय में डिजिटल रुपये के निर्माण, वितरण और खुदरा उपयोग की पूरी प्रक्रिया की मजबूती का परीक्षण करना। जिससे इस इस समय के बीच इसमें मिले अनुभवों के आधार पर भविष्य के पायलटों में म₹त् टोकन और आर्किटेक्चर की विभिन्न विशेषताओं और अनुप्रयोगों का विधिवत परीक्षण किया जा सकेगा।
डिजिटल करेंसी (e₹-R) की आवश्यकता क्यों-
हर देश में ही क्यां भारत में भी समय के साथ मुद्रा और लेन-देन में बराबर बदलाव देखने को मिला है। इसके पीछे वर्तमान में चल रहे प्रणाली के समक्ष एक विकल्प रखना होता है और साथ ही पहले से अधिक सुरक्षित और आसानी से लेन देने को ध्यान में रखते किया जाता है। इसी के दृष्टिगत भारतीय रिजर्व बैंक सीबीडीसी को वैध मुद्रा (लीगल मनी) के रूप में जारी कर रहा है। यह भारत की करेंसी का एक डिजिटल रिकॉर्ड या टोकन होगा जिसे लेनदेन के लिए लोग आसानी से इस्तेमाल किया कर सकेंगे। जहां तक इसकी आवश्यकता क्यों पडी तो इसके पीछे नकदी पर निर्भरता कम होना करने, मुद्रा प्रबंधन की कम लागत और निपटान जोखिम में कमी करना है। इससे आम जनता और व्यवसायों को सुरक्षा और तरलता के साथ केंद्रीय बैंक के पैसे का एक सुविधाजनक, इलेक्ट्रॉनिक रूप एक दूसरे को आदान-प्रदान किया जा सकता है और उद्यमियों को नए उत्पाद और सेवाएं बनाने के लिए एक बेहतर मंच प्रदान करने में काफी सहायता मिल सकती है।
डिजिटल करेंसी से अर्थव्यवस्था को क्या होगा फायदा-
जहां तक डिजिटल करेंसी (e₹-R) से भारत की अर्थव्यवस्था को फायदा होने की बात का प्रश्न है। यह निश्चय ही भारत में मुद्रा का डिजिटलीकरण मौद्रिक इतिहास में मील का पत्थर साबित होने वाला है। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार डिजिटल रुपये से पेमेंट सिस्टम और सक्षम व पारदर्शी बन जाएगा। ट्रांजेक्शन कॉस्ट घटने से लोंगो को राहत मिलगी। त्ठप् का रेगुलेशन होने से मनी लॉन्ड्रिंग, टेरर फंडिंग, फ्रॉड की आशंका को लगाम लगाया जा सकता है। जिससे देश की अर्थव्यवस्था मजबूत होगी। इस डिजिटल करेंसी से सरकार की सभी अधिकृत नेटवर्क के भीतर होने वाले ट्रांजेक्शंस तक पहुंच हो जाएगी।
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