यात्रा करना हमारे जीवन का अभिन्न अंग है। जब हम घर से किसी काम के लिए बाहर निकलते हैं तो उम्मीद करते हैं कि हमारा वह काम सफल होगा जिसके लिए हम निकल रहे हैं। लेकिन ज्योतिष शास्त्र के अनुसार कुछ ऐसे अशुभ समय और दिशा के बारे में जानकारी दी गई है जिसमें यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि हम उन दिशाओं में यात्रा करते हैं, तो हमें सफलता प्राप्त नहीं होती या कई समस्याओं से गुजरना पड़ता है। यह अशुभ दिशा और समय सप्ताह के सातों दिन पर निर्भर करता है। इसे “दिशा शूल” भी कहा जाता है। चलिए जानते हैं कि दिशा शूल क्या होता है और इससे बचने के उपाय।
दिशा शूल क्या होता है?
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार सप्ताह में कोई दिन या दिशा ऐसी होती है जिसमें यात्रा करना वर्जित माना जाता है। इसे “दिशा शूल” के नाम से जाना जाता है। हालांकि, यह आवश्यक नहीं है कि हर बार दिशा शूल अशुभ हो, लेकिन ज्यादातर दिशा शूल अशुभ होते हैं। दक्षिण दिशा की यात्रा की मनाही होती है या फिर सावधानी पूर्वक इस दिशा में यात्रा करने की सलाह दी जाती है।
दिन के अनुसार दिशा शूल
वास्तु के अनुसार शुक्रवार और रविवार के दिन पश्चिम दिशा और दक्षिण-पश्चिम कोण में दिशा शूल माना जाता है। इन दोनों दिनों पर बताई गई दिशाओं में यात्रा करने से बचना चाहिए।
दिशा शूल से बचने के उपाय
यदि आप शुक्रवार के दिन यात्रा करने वाले हैं, तो दिशा शूल से बचने के उपाय के तौर पर पहले पांच कदम पीछे लें और फिर घर से जौ या राई खाकर बाहर निकलें।
अगर आपको रविवार के दिन यात्रा करनी है, तो दिशा शूल से बचने के उपाय के तौर पर आप घर से दलिया या फिर घी खाकर यात्रा के लिए जाएं।
यात्रा करते समय इन उपायों का पालन करने से आप दिशा शूल से बच सकते हैं और यात्रा सफलतापूर्वक कर सकते हैं।
ध्यान दें कि यहां दी गई जानकारी सिर्फ निर्देशात्मक है और आपको अपने ज्योतिषाचार्य या पंडित की सलाह भी लेनी चाहिए यदि आपको किसी विशेष परिस्थिति में संदेह हो या अधिक जानकारी चाहिए।
यात्रा के दौरान सुरक्षित रहें और एक सुखद और सफल यात्रा का आनंद लें।