
विजय श्रीवास्तव
-एसटीएफ ने प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी के निदेशक राय अनूप प्रसाद को भी किया गिरफ्तार
प्रयागराज। शिक्षक पात्रता परीक्षा-2021 का पेपर लीक होने के मामले में योगी सरकार ने बड़ी कार्रवाई की है। जहां मंगलवार को योगी सरकार ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय कुमार उपाध्याय को निलंबित कर दिया था वहीं आज यूपी एसटीएफ ने उन्हें तथा प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी आर.एस.एम. फिनसर्व लिमिटेड के निदेशक राय अनूप प्रसाद को भी प्रयागराज से गिरफ्तार कर लिया है।

विगत कुछ वर्षा से कई परीक्षाएं पेपर लीक होने के कारण रद्द हो चुकी है। जिससे युवाओं में जबरदस्त रोष व्याप्त है। उसमें भी कुछ माह बाद ही यूपी में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। ऐसे में एक बार फिर शिक्षक पात्रता परीक्षा-2021 का पेपर लीक होने के कारण विपक्ष यूपी सरकार पर पूरी तरह से हमलावर मूड में है। वैसे सीएम योगी ने कहा है कि एक माह में फिर से परीक्षा करायी जायेगी। वहीं दूसरी तरफ सरकार ने पेपर लीक मामले में बड़ी कार्रवाई की है।
गौरतलब है कि यूपी एसटीएफ ने प्रश्नपत्र छापने वाली एजेंसी आर.एस.एम. फिनसर्व लिमिटेड के निदेशक राय अनूप प्रसाद को भी गिरफ्तार किया है। इस एजेंसी को प्रश्न पत्र छापने का वर्क आर्डर संजय उपाध्याय ने जारी किया था। इसी क्रम में आज सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव संजय कुमार उपाध्याय को गिरफ्तार कर लिया है।

जानकारी के अनुसार सरकार ने सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी को इस पूरे मामले में प्रथम दृष्टया दोषी माना है। इस परीक्षा को अंजाम तक पहुंचाने की जिम्मेदारी सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी की ही थी। परीक्षा नियामक प्राधिकारी के अधिकारियों ने अपनी जिम्मेदारी सही से नहीं निभाई और दिल्ली की गैर जिम्मेदार एजेंसी आर.एस.एम. फिनसर्व लिमिटेड को पेपर प्रिंट कराने की जिम्मेदारी सौंप दी।
एडीजी कानून व्यवस्था प्रशांत कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुए बताया कि पेपर लीक मामले में कोई भी आरोपी बख्शा नहीं जाएगा। उन्होंने कहा कि इस मामले में कुल 34 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनके पास से मिले दस्तावेज़ों से साफ हो गया है कि ये प्रश्नपत्र परीक्षा में आने वाले थे। जिस व्यक्ति को टीईटी के प्रश्न पत्र छापने की जिम्मेदारी मिली थी, उसके मालिक को गिरफ्तार किया गया है। इसी क्रम में यूपी टीईटी 2021 के परीक्षा नियंत्रक व सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकरण संजय कुमार उपाध्याय को भी गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में पता चला कि प्रश्नपत्र लीक कराने में इनकी संलिप्तता थी। एजेंसी के निदेशक राय अनूप प्रसाद ने प्रश्न पत्र की छपाई के दौरान गोपनीयता एवं सुरक्षा मानकों की अपदेखी की, जिसकी वजह से पेपर आउट हो गया और परीक्षा रद्द करनी पड़ गई। अनूप को जेल भेज दिया गया है।