मृत्यु के बाद आवश्यक सावधानियाँ
Garuda Purana About Dead Person : मृत्यु एक प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिससे कोई भी अपरिहार्य नहीं है। इस परंपरागत दृष्टिकोण से जुड़े ‘गरुड़ पुराण’ में दिए गए अनमोल उपदेशों के अनुसार, मृत्यु के बाद निम्नलिखित तीन चीजों का सावधानीपूर्वक इस्तेमाल नहीं करना चाहिए:
1. घड़ी का इस्तेमाल न करें
‘गरुड़ पुराण’ के अनुसार, मृत्यु के बाद व्यक्ति की घड़ी का उपयोग कभी नहीं करना चाहिए। घड़ी न केवल समय की मापक होती है, बल्कि वह मृत व्यक्ति के जीवन के अच्छे-बुरे पलों की यादें भी साथ लेकर आती है। इससे वह व्यक्ति जिन्दगी के साक्षी बन जाती है और उसकी आत्मा को शांति नहीं मिल पाती।
2. मृत व्यक्ति के कपड़े न पहनें
‘गरुड़ पुराण’ के अनुसार, मृत्यु के बाद उसके कपड़े धारण नहीं करने चाहिए। इसका कारण यह है कि इससे न केवल उसकी आत्मा को असंतोष हो सकता है, बल्कि परिवार के अन्य सदस्यों को भी उसकी यादों का सामना करना पड़ सकता है। यह आत्मिक शांति को बाधित कर सकता है और उनके जीवन में अशांति पैदा कर सकता है।
3. गुजर चुके व्यक्ति के गहने न पहनें
गहनों का सौंदर्य और महत्व अजरामर होता है, लेकिन ‘गरुड़ पुराण’ के अनुसार, जब कोई व्यक्ति इस लोक से गुजर जाता है, उसके गहनों का उपयोग परिवार के अन्य सदस्यों द्वारा नहीं किया जाना चाहिए। ऐसा करने से मृत व्यक्ति की आत्मा को आराम नहीं मिल पता है और वह फिर से लौटकर आ सकती है। इससे परिवार मानसिक तनाव में आ सकता है और उनका समृद्धि और खुशी से भरपूर जीवन प्रभावित हो सकता है।
गरुड़ पुराण के उपदेशों के अनुसार, मृत्यु के बाद यह सावधानियाँ अपनाने से परिवार में सद्गति और शांति का अनुभव होता है। यह आत्मा की शांति के लिए आवश्यक है और परिवार के सदस्यों के बीच सख्त और विशेष बंधन को बनाए रखने में मदद करता है।
समापन
यदि हम ‘गरुड़ पुराण’ के उपदेशों का पालन करें, तो हम अपने पूर्वजों की संजीवनी यादों को शांति से जुड़कर रख सकते हैं। इससे हमारे परिवार में एक आत्मिक और मानसिक संबंध बना रहता है, जो हमें उनकी स्मृतियों को सम्मान देने और उनकी आत्मा को शांति प्रदान करने में मदद करता है।
_(अस्तित्ववाद: इस लेख में प्रस्तुत की गई जानकारी केवल सामान्य जानकारी के आधार पर है। यह सलाह या उपचार की जगह नहीं है। किसी भी चिकित्सक या विशेषज्ञ की सलाह से पहले, कृपया विशेषज्ञ की सलाह प्राप्त करें।)