डिप्टी सीएम का पद दो अन्यथा अकेले लड़ेंगे चुनावः डाॅ संजय, निषाद पार्टी

विजय श्रीवास्तव
-एक बार फिर भाजपा के सहयोगी दल ने उठायी आवाज
-कहां 18 फीसदी हैं कम से कम उप मुख्यमंत्री का पद दो

लखनऊ। विगत दो माह से उत्तर प्रदेश में डिप्टी सीएम पद को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था। रिटायर्ड आइएएस व एमएलसी एके शर्मा का नाम काफी दिनों तक प्रदेश के सियासत में तैरता रहा। लेकिन उन्हें प्रदेश संगठन में उपाध्यक्ष का पद दे कर इस चर्चा को विराम दे दिया गया लेकिन अब एक बार भाजपा की एक सहयोगी पार्टी निषाद पार्टी ने कहा है कि अगर प्रदेश में जीतना है तो डिप्टी सीएम पद देना पड़ेगा, नहीं तो अलग लड़ेंगे। निषाद पार्टी के इस तेवर से भाजपा में हलचल की स्थिति है।
कोरोना महामारी के चलते वैसे ही प्रदेश में अच्छी स्थिति में भाजपा नहीं है। भाजपा इधर अपने पुराने नाराज सहयोगियों से भी सम्पर्क साधना शुरू कर दिया था जिसमें भासपा के ओमप्रकाश राजभर रहे। लेकिन अब संजय निषाद के तेवर ने एक बार फिर भाजपा की मुश्किले बढा दी है। इस सन्दर्भ में उपमुख्यमंत्री केशव मौर्या से मुलाकात कर उन्होंने अपनी स्थित पूरी तरह से स्पष्ट कर दी है। दिल्ली से लौटने के बाद निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद के तेवर काफी तल्ख नजर आ रहे हैं। संजय निषाद ने कहा एक एक मीडिया हाउस से बातचीत में कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने हमें एक कैबिनेट पोस्ट और एक राज्यसभा सीट देने का वादा किया था। अब जब कि छः माह बचे है अब तो पार्टी अपना वादा पूरा करे।
इतना ही नही संजय निषाद ने अपनी पार्टी के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव के लिए भी कुछ सीटों की मांग की है। संजय निषाद कहते हैं कि भाजपा अगर निषाद पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ती है तो 2022 में उत्तर-प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार जरूर बनेगी। लेकिन इसके लिए भाजपा को उप-मुख्यमंत्री का चेहरा उन्हें बनाना होगा। संजय निषाद इससे पहले दिल्ली में पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात कर अपनी मांग रख चुके है।

लंबे समय तक संजय निषाद ने अपने बेटे सांसद प्रवीण निषाद के साथ डेरा डाले रखा और गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा समेत कई बड़े नेताओं से मुलाकात की है। संजय निषाद दावा करते है कि यूपी में निषाद वंशीय 17 फीसदी हैं और वे 152 विधानसभा सीटों पर प्रभावशाली स्थिति में हैं। खासकर, गोरखपुर और आस-पास के जिलों में निषाद समाज का प्रभाव है। इसका प्रमाण भी है कि इनके बेटे प्रवीण निषाद गोरखपुर और संतकबीर नगर से लोकसभा का चुनाव लड़े और जीत भी गए।


समाजवादी पार्टी ने 2018 के उपचुनाव में प्रवीण निषाद को गोरखपुर से लोकसभा का टिकट दिया और प्रवीण निषाद भाजपा को हरा कर गोरखपुर के सांसद बन गए। इस घटना क्रम ने भाजपा को सोचने पर मजबूर कर दिया था। इसके बाद भाजपा ने निषाद पार्टी को अपने साथ में मिला लिया और प्रवीण को संतकबीर नगर से साल 2019 में लोकसभा का टिकट दिया। प्रवीण निषाद फिलहाल संत कबीर नगर से भाजपा के सांसद है।

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