भगवान के दर्शन के साथ शुभ शुरुआत
Good Luck Tips :शास्त्रों में कहा गया है कि अगर सुबह की शुरुआत भगवान के दर्शन के साथ की जाए, तो व्यक्ति का पूरा दिन अच्छा गुजरता है, लेकिन कई बार आंख खुलते ही हम कुछ ऐसी चीजों के दर्शन करते हैं, जो हमारा पूरा दिन खराब कर देती हैं।
खुद की या दूसरों की परछाई से बचें
वास्तु शास्त्र का महत्व: वास्तु शास्त्र में जीवन में सुधार लाने के लिए कई बातें बताई गई हैं, जिनका पालन करने से कई समस्याओं से छुटकारा मिल सकता है। इसके अनुसार, सुबह उठते ही किसी भी व्यक्ति को दूसरे की या खुद की परछाई नहीं देखना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार सूर्य भगवान दर्शन करते समय पश्चिम दिशा में खुद की परछाई देखने को अशुभ माना गया है।
आंख खुलते ही न देखें शीशा
धन वृद्धि के उपाय: सुबह सोकर उठते समय हमारे बाल और कपड़े सही हालत में नहीं रहते हैं। ऐसे में, हम अपने आपको सही करने की दिशा में आंख खुलते ही शीशा देखने लग जाते हैं। वास्तु शास्त्र के अनुसार, सुबह सबसे पहले आईना देखना काफी अशुभ होता है। इससे आपके अंदर रही नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ता है, जिससे धन का नुकसान हो सकता है। इसके बजाय, आंख खुलते ही दोनों हाथों की हथेली को देखें और उसके बाद तीन बार अपने चेहरे पर हाथ फेरें। मान्यता है कि हथेली के ऊपरी भाग में मां लक्ष्मी, बीच में मां सरस्वती व नीचे के भाग में भगवान विष्णु का स्थान होता है, जिससे उनकी कृपा हमेशा बनी रहेगी।
सुबह उठने के बाद न देखें झूठे बर्तन
वास्तु शुभकारी टिप्स: रात को कभी भी खाने के बाद रसोई को गंदा और वहां झूठे बर्तन नहीं छोड़ने चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अगर आपका किचन रात से ही गंदा रहेगा तो सुबह आपको आंख खुलते ही गंदे बर्तन देखने पड़ेंगे, जो आपके धन को बहुतायत से वंचित कर सकते हैं। अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए, रात में ही झूठे बर्तन धो कर सोने का प्रयास करें। यह आपको सफलता और समृद्धि के मार्ग में मदद करेगा।
अलक्ष्मी से बचने के उपाय
धन और समृद्धि के टिप्स: वास्तु शास्त्र का पालन करके आप अलक्ष्मी से बचने और धन और समृद्धि को आकर्षित करने में सक्षम हो सकते हैं। वास्तु के नियमों का ध्यान रखते हुए सुबह की शुरुआत करें और धन की वर्षा को अपने जीवन में आमंत्रित करें।
ध्यान दें: उपरोक्त सुझाव ज्योतिष या धार्मिक विश्वासों पर आधारित हैं और इनका वास्तविकता से कोई संबंध नहीं होता। धन और समृद्धि के लिए अपने कर्मों पर ध्यान देना भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।