Income Tax Free Income : आपकी पूरी आमदनी पर आयकर लगता है। इसमें केवल सैलरी नहीं, बचत से मिलने वाले ब्याज, घर से होने वाली कमाई, साइड बिजनेस, कैपिटल गेन्स (पूंजी लाभ) जैसे अनेक प्रकार की आमदनियां शामिल हैं। लेकिन कुछ ऐसे स्रोत भी हैं, जिनसे होने वाली आय आयकर के परिधि से बाहर रहती है। खेती से होने वाली आय के साथ-साथ कई अन्य ऐसी आयें भी होती हैं। जिन्हें आयकर के दायरे से बाहर रखा गया है। आयकर विशेषज्ञों के अनुसार, आयकर अधिनियम के धारा 10 में विशेष रूप से छूट दी गई ऐसी आमदनियों के बारे में बताया गया है।
अब 7 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को कोई आयकर नहीं
बजट 2023 में नई आयकर शुल्क व्यवस्था के तहत स्लैब में परिवर्तन किया गया है। अब 7 लाख रुपये तक की आय वाले व्यक्तियों को कोई आयकर नहीं देना होगा।इससे पहले, 5 लाख रुपये तक की आय पर रिबेट दिया जाता था। अब इस रिबेट को बढ़ाकर 7 लाख रुपये तक दिया गया है। वेतनभोगियों को इससे बड़ा लाभ होगा। इसके अलावा, कुछ ऐसी आयें भी हैं जिन पर कोई आयकर नहीं देना पड़ता है। आइए, हम आपको ऐसी आयों के बारे में बताते हैं जिन पर आपको कोई आयकर नहीं चुकाना होगा…
1. कृषि से आय (कृषि आय) –
भारत एक कृषि-मुख्य देश है। देश में कृषि को बढ़ावा देने के लिए, 1961 के आयकर अधिनियम में कृषि से होने वाली आय को आयकर के परिधि से बाहर रखा गया है।
अगर आपके पास कृषि भूमि है और आप खेती या खेत से जुड़ी गतिविधियों से पैसे कमा रहे हैं, तो आपको उस आय पर कोई आयकर नहीं देना पड़ेगा।
2. हिन्दू अविभाजित परिवार (HuF) से प्राप्त राशि-
हिन्दू अविभाजित परिवार (HuF) से प्राप्त राशि या विरासत के रूप में मिली आय को आयकर के परिधि से बाहर रखा गया है। आयकर अधिनियम के धारा 10(2) के तहत, ऐसी आय को छूट दिया गया है।
इस धारा में परिवार की प्राप्त आय, अचल संपत्ति से प्राप्त आय या हिन्दू अविभाजित परिवार को पुश्तैनी संपत्ति से प्राप्त आय पर आयकर नहीं देना होगा।
3. बचत खाते से ब्याज-
आपके बचत खाते (सेविंग्स अकाउंट) में जमा धन पर हर तिमाही में ब्याज मिलता है। आयकर अधिनियम के अनुसार, यह भी आपकी आय है।
आप इस आय पर आयकर अधिनियम की धारा 80TTA के तहत छूट प्राप्त कर सकते हैं। यदि आपके बचत खाते पर जमा ब्याज वार्षिक 10,000 रुपये से अधिक है, तो आपको अतिरिक्त राशि पर आयकर देना होगा।
4. ग्रेच्युटी पर आयकर छूट (ग्रेच्युटी पर आयकर मुक्ति)-
यदि कोई कर्मचारी केंद्र या राज्य सरकार में काम करता है, तो उसे प्राप्त होने वाली ग्रेच्युटी पूरी तरह से आयकर मुक्त होती है। हालांकि, निजी क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारी के लिए टोकन ऑफ एप्रीशिएशन के लिए अलग नियम होते हैं।
5. छात्रवृत्ति (स्कॉलरशिप) और पुरस्कार (अवार्ड)-
यदि किसी छात्र को कोई छात्रवृत्ति मिलती है या किसी प्रकार का पुरस्कार प्राप्त होता है, जिससे वह अपनी पढ़ाई का खर्च चुका रहा है, तो ऐसे मामलों में आयकर अधिनियम की धारा 10 (16) के तहत आयकर मुक्ति होती है।इसमें आय की कोई सीमा नहीं होती है।
