यूपी में राजनीतिक हलचल तेज: डिप्टी सीएम केशव मौर्य हो सकते हैं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष

यूपी में राजनीतिक हलचल : डिप्टी सीएम केशव मौर्य हो सकते हैं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष

विजय श्रीवास्तव
-आज रात भी हो सकती हेै घोषणा
-लखनऊ से लेकर दिल्ली तक राजनीति सियासत तेज
लखनऊ। कहते हैं कि राजनीति के लिए कोई समय नहीं होता। वह कभी भी चक्रवाती तूफान तरह उफान मारने लगता है और फिर शान्त भी हो जाता है। एक ओर पांच राज्यों में इस समय चक्रवाती तूफान यास की चर्चा जोरों पर है वहीं दूसरी ओर उत्तर प्रदेश के सियासत के गलियारें में तूफान का आलम है। इस राजनीतिक तूफान का मतलब साफ है। सत्ता को बचाना और विपक्ष के हर मसंूबों का नेस्नाबूत करना। युपी में इस समय प्रदेश भाजपा अघ्यक्ष की कुर्सी पर यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की ताजपोशी का तूफान उफान पर है। यह तूफान कितने मिनट, कितने घंटे में शान्त होता है। यह देखना होगा।
रविवार से लखनऊ से लेकर दिल्ली तक मचे राजनीतिक सियासत में अचानक भूचाल की स्थिति है। यह भूचाल निःसन्देह यूपी में 2022 में होने वाले चुनाव को लेकर है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जा सकता है। इसपर अभी किसी भाजपा के वरिष्ठ नेता ने मंुह नहीं खोला है लेकिन भाजपा से लेकर आरएसएस के के शीर्ष नेताओं मंे बैठकों के लगातार से यह कयास लगाये जा रहे हैं कि भाजपा केशव प्रसाद मौर्य को आज रात तक यूपी के प्रदेश भाजपा अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठाने की घोषणा कर सकती है।
भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की सबसे बड़ी चिंता उत्तर प्रदेश को लेकर है। बंगाल में हुई पराजय से सबक लते हुए भाजपा किसी भी तरह की गलती करने पक्ष मंे नहीं हैं। भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ किसी भी सूरत में यूपी में भाजपा की सरकार की वापसी चाहते हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश को लेकर भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले की एक बैठक हुई और इसके बाद नड्डा और शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ देर रात तक बैठक की। बैठक में प्रदेश संगठन में फेरबदल करने और राज्य की नौकरशाही के साथ तालमेल बढ़ाने के लिए विधान परिषद सदस्य अरविंद शर्मा को मंत्रिमंडल में लेकर उन्हें बड़ी जिम्मेदारी देने पर भी सहमति बनी। रविवार को भाजपा नेतृत्व की शीर्ष स्तर की लंबी बैठक के बाद बनी रणनीति के तहत उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार में सत्ताकेंद्र को विकेंद्रित करने, संगठन को सरकार के समानांतर शक्ति संपन्न बनाने का फैसला किया गया है।
सूत्र बताते है कि मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह के कामकाज पर भी चर्चा हुई। माना जा रहा है कि मौजूदा स्थितियों में उनके कामकाज को लेकर केंद्रीय नेतृत्व को लगता है कि जिस तरह पार्टी कार्यकर्ताओं में लगातार असंतोष बढ़ रहा है उसे देखते हुए प्रदेश संगठन में बदलाव की जरूरत है। इसलिए मौजूदा उप-मुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य को फिर से संगठन की कमान देकर पार्टी कार्यकर्ताओं विधायकों सांसदों के असंतोष को खत्म किया जा सकता है। सूत्रों का कहना है कि उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य को एक बार फिर प्रदेश संगठन का अध्यक्ष बनाया जा सकता है और गुजरात कैडर के पूर्व आईएएस अधिकारी अरविंद कुमार शर्मा को उप मुख्यमंत्री बनाकर अधिकार संपन्न किया जा सकता है। लेकिन इन दोनों मामलों में अंतिम फैसला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उप-मुख्यमंत्री केशवप्रसाद मौर्य से चर्चा के बाद ही लिया जाएगा। राजनीतिक गलियायारों से छन कर आ रही खबरों से यह कहा जा सकता है कि केशव प्रसाद मौर्य ने हाॅ में अपना उत्तर दे दिया है। वे इस विषम परिस्थिति में भी यह चुनौती स्वीकार करने को तैयार है। भाजपा ने पिछले यूपी चुनाव मंे उनके नेतृत्व व प्रदर्शन को देख चुकी है। भाजपा अपने किसी भी कदम से किसी को नाराज भी नहीं करना चाह रही है। बहरहाल अब इन्तजार करने का समय है लेकिन यह कहा जा सकता है कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य जी के लिए आज का मंगल कुछ अच्छा मंगल करने वाला है

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