leptospirosis : चूहों से होती है यह बीमारी बच्चों को ही बनाती है निशाना, बैक्टीरियल खतरा कोरोना से अधिक? वाराणसी में दी दस्तक

वाराणसी में लेप्टोस्पायरोसिस का बढ़ता प्रकोप

कोरोना से भी खतरनाक लेप्टोस्पायरोसिस ने वाराणसी में दस्तक दी है। यह बीमारी चूहों से होती है और विशेष रूप से बच्चों को प्रभावित करती है। अब तक 10 से अधिक बच्चे इसके शिकार बन चुके हैं, और इनका इलाज वाराणसी के निजी अस्पतालों में चल रहा है। मामले की गंभीरता के बारे में देखकर स्वास्थ्य विभाग ने अलर्ट जारी किया है।

बच्चों में leptospirosis : यह बीमारी कैसे पहचानें और इसके उपचार

बच्चों में लेप्टोस्पायरोसिस: एक डेंगू जैसा खतरा

यह बीमारी चूहे के मूत्र के जरिये बच्चों में फैल रही है। इसमें डेंगू की तरह ही बुखार आएगा। यह शरीर के सभी अंगों को प्रभावित करता है।

बच्चों के लिए खतरनाक: लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण

पहले सामान्य बुखार होता है, लेकिन इसके बाद लक्षण पांच से छह दिनों बाद मिलते हैं। सही इलाज न मिले तो बुखार 10 से 15 दिन तक रह सकता है, जिससे कभी पीलिया तो कभी हार्ट फेलर होने का खतरा बढ़ जाता है।

बुखार के दिनों का महत्व: ज्यादा दिनों तक बुखार ना ठहरें

बुखार अगर तीन-चार दिन से ज्यादा है तो इसे हल्के में न लें। सीआरपी की जांच कराइए। अगर सीआरपी ज्यादा आए तो समझ लें बैक्टीरियल बुखार है।

बैक्टीरियल बुखार: leptospirosis के खतरे

लेप्टोस्पायरोसिस बैक्टीरिया कोरोना वायरस से भी ज्यादा खतरनाक है। कोरोना की चपेट में आने वालों की मृत्यु दर से एक से डेढ़ फीसदी है, जबकि लेप्टोस्पायरोसिस की तीन से 10 फीसदी है।

बच्चों की सुरक्षा: चूहों से सतर्क रहें

चूहे ने कहीं पेशाब किया और आपकी स्किन कटी है तो अगर आप इसके संपर्क में आते हैं तो लेप्टोस्पायरोसिस होने की आशंका रहती है। यह बैक्टीरिया छह महीने तक पानी में जीवित रह सकता है। जुलाई से अक्तूबर के बीच बैक्टीरियल इंफेक्शन ज्यादा होता है।

जानिए लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण

लेप्टोस्पायरोसिस संक्रमण के लक्षण में शामिल हैं:

  • बुखार
  • शरीर, पीठ और पैरों में तेज दर्द
  • आंखों में लाली
  • पेट में दर्द
  • खांसी
  • खांसी के साथ खून आना
  • सर्दी के साथ बुखार आना
  • शरीर पर लाल चकत्ते

इस बीमारी के वाहक चूहे होते हैं और इसके संक्रमण से बच्चों को बचाने के लिए सतर्क रहना महत्वपूर्ण है। अगर आपके बच्चे को इन लक्षणों में से कुछ भी मिलता है, तो तुरंत चिकित्सक की सलाह लें। एक घातक लक्षण है तेज बुखार, जिसे न केवल अंधेरे में, बल्कि दिन के समय भी देखा जा सकता है। अगर किसी के बुखार के साथ तीन या चार दिनों तक तेज बुखार है, तो सीआरपी (सी रिएक्टिव प्रोटीन) जांच करानी चाहिए। अगर सीआरपी बढ़ गई है, तो डॉक्टरों को खतरा हो सकता है और वे आगे की जांच के लिए सलाह देंगे। इसके बाद, leptospirosis की जांच करानी चाहिए, क्योंकि इसके लक्षण डेंगू और वायरल संक्रमण से मिलते हैं।

बचाव: सावधानी बरतें

लेप्टोस्पायरोसिस से बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना बेहद महत्वपूर्ण है:

  • जिस तालाब में जानवर जाते हैं, वहां नहाने से बचें।
  • चूहे घर में हैं तो सावधानी बरतें और उनके संपर्क से बचें।
  • बाहर से लाए गए प्लास्टिक के पैकेट को साफ करके इस्तेमाल करें।
  • मानसून के दौरान स्विमिंग, वाटर स्कीइंग, सेलिंग से बचें।
  • घर के पालतू जानवरों की साफ-सफाई पर भी ध्यान दें।

यह लेख खतरनाक बीमारी लेप्टोस्पायरोसिस के बारे में है जो कोरोना से भी ज्यादा खतरनाक हो सकती है। यह बीमारी चूहों के माध्यम से फैलती है और बच्चों को प्रभावित कर सकती है। लेप्टोस्पायरोसिस के लक्षण और बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी गई है। इससे बचने के लिए सावधानी बरतना बेहद महत्वपूर्ण है।

By Vijay Srivastava

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