UP से लड़ेंगे मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस ने पलटा BJP का गेम, बसपा सकते में

UP से लड़ेंगे मल्लिकार्जुन खड़गे, कांग्रेस ने पलटा BJP का गेम, बसपा सकते में

UP से लड़ेंगे मल्लिकार्जुन खड़गे : UP के घोसी के चुनाव में सपा के प्रत्याशी के बम्पर चुनाव जीतने के बाद से इंडिया गठबंधन का हौसला बुलंद है। घोसी के चुनाव को लोकसभा के टेलर के रूप में देखा जा रहा था क्योंकि भाजपा के खिलाफ इंडिया गठबंधन का एक प्रत्याशी सपा का खडा था और उसकी भारी जीत ने इस बात का एहसास दिला दिया है कि अगर लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन व भाजपा में सीधा टक्कर हुआ तो यह लडाई आसान नहीं होने वाली है।

घोसी के चुनाव में सपा के प्रत्याशी के बम्पर चुनाव जीतने के बाद से इंडिया गठबंधन का हौसला बुलंद


जानकारी के मुताबिक दो दर्जन मंत्री और लगभग 5 दर्जन विधायको व यूपी सीएम योगी की कड़ी मेहनत के बाद भी भाजपा का प्रत्याशी की 42 हजार मतो से भारी हार हुई। इससे जहां सपा के अखिलेश यादव फूले नहीं समा रहे हैं। वहीं दूसरी ओर कांग्रेस भी इस जीत को अब भुनाने में लग गयी है। कांग्रेस अब अपना पूरा फोकस यूपी पर करना चाहती है। जिससे वह इंडिया गठबंधन में अपनी मजबूत दावेदारी प्रस्तुत कर सके। कांग्रेस के गलियारों से आयी बडी खबर के तहत इस बार कर्नाटक साथ यूपी से भी कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे 2024 का लोकसभा का चुनाव लड सकते हैं। यूपी में कहा से लड़ेंगे इस बात की पुष्ट जानकारी तो नहीं मिल पा रही है लेकिन सूत्रों के अनुसार खडगे यूपी के बाराबंकी या इटावा से चुनाव लड़ सकते हैं और अगर ऐसा होता है तो इससे बीजेपी और बीएसपी को भारी नुकसान होने वाला है।

दलित चेहरा उतार कर बीजेपी व बीएसपी के गेम को पलटने की कोशिश


अभी तक जहां भाजपा के पास यूपी में कोई बडा दलित चेहरा नहीं है वहीं बीएसपी सुप्रीमो मायावती का दलित चेहरा भी अब बहुत कुछ करता नजर नहीं दिख रहा है। घोसी के चुनाव पर अपना प्रत्याशी न खडा कर नोटा को वोट देने का उनका अपने समर्थकों का दिया गया निर्देश भी का कोई विशेष असर नहीं दिखा सका। जहां नोटा का आकडा पाचवे पर रहा वहीं अगर इसके लाभ की बात करें तो इसका लाभ सपा प्रत्याशी को ही मिला और वह भारी मतो से विजयी हुआ और भाजपा बुरी तरह से परास्त हुई । ऐसे में मल्लिकार्जुन खड़गे के यूपी से चुनाव लडने से भाजपा सहित सुश्री मायावती को भारी नुकसान होने वाला है। वैसे निश्चय ही खडगे के यूपी से चुनाव लडने से सपा को भी भारी फायदा मिलने वाला है। इतना ही नहीं राहुल गांधी के अपने पारम्परिक सीट अमेठी से चुनाव लडने की जानकारी मिल रही है। इससे भी यूपी में कांग्रेस की हवा बनने से कोई रोक नहीं सकता है। इसके साथ एक और धमाके साथ प्रियंका गांधी इस बार प्रयागराज से चुनाव लडने की तैयारी कर सकती है।
घोसी में चुनाव जीतने के बाद इंडिया गठबंधन की पहली हाईलेवल की बैठक में इस बात पर मथंन किया गया। कांग्रेस बहुत कुछ भाजपा के तर्ज पर काम कर रही है। वह जानती है कि अगर दिल्ली के सत्ता पर अपना अधिकार के दावेदारी करनी है तो इसके लिए उन्हें यूपी पर फोकस करना होगा। भाजपा ने भी इसके लिए यूपी के वाराणसी लोकसभा सीट से प्रधानमंत्री के दावेदार नरेन्द्र मोदी को उतार कर हलचल मचा दी थी। कुछ उसी फार्मूले पर चलते हुए कांग्रेस भी इस बार दो हजार चौबीस का चुनाव लडने की प्लानिंग कर रही है।

लोकसभा की लगभग दो सौ सीटों पर जीत का लक्ष्य


जानकार बताते हैं कि इस बार कांग्रेस देश में लोकसभा की लगभग दो सौ सीटों पर जीत का लक्ष्य लेकर उतरने वाली है। जिससे वह इंडिया गठबंधन में प्रधानमंत्री की दावेदारी मजबूती से रख सके। इसके लिए कांग्रेस जानती है कि दिल्ली का रास्ता यूपी से होकर जाता है इसलिए इस बार यूपी को विशेष फोकस करना चाहती है। मल्लिकाअर्जुन खड़गे के नेतृत्व में कर्नाटक व हिमाचल प्रदेश का चुनाव जीतने पर कांग्रेस भी अब यह मानकर चल रही है कि उसे एक बार अच्छा नेतृत्व मिला है।

सर्वे रिपोर्ट ने भाजपा को सकते में ला दिया


अभी मध्यप्रदेश व राजस्थान में भी विधानसभा का चुनाव होने हैं जिसमें आयी सर्वे रिपोर्ट ने भाजपा को सकते में ला दिया है। दोनो स्थानों पर कांग्रेस चुनाव में फतह कर सरकार बनाती नजर आ रही है। अगर साउथ में देखा जाए तो वैसे भी वहां कांग्रेस का दबदबा है कुछ इसी तरह से वह यूपी में बनाना चाहती है। इसके लिए कांग्रेस पूरी तरह से किलाबंदी करना चाहती है।
जहां तक इंडिया गठबंधन की बात की जाए तो यूपी में सपा को छोड कर यूपी में कोई पार्टी बहुत सीट जीतने की स्थिति में नहीं है। जयन्त चौधरी के रह रह कर क्रियाकलापो से असमंजस की स्थिति बनी रहती है। ऐसे में कांग्रेस की कोशिश होगी यूपी में अधिक से अधिक सीटो के लिए लडा जाए। वैसे कांग्रेस ने इस बार वाराणसी के अजय राय को प्रदेश कांग्रेस का अध्यक्ष बना कर जान फूकने का काम किया है। अजय राय का संघर्षशील व्यक्तित्व निश्चय ही कांग्रेस के लिए संजीवनी का काम करेगा। बहरहाल इंतजार करते हैं आगामी 2024 के लोकसभा का चुनाव का फिर मिलते हैं कुछ नये अपडेट के साथ।

By Vijay Srivastava

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