Modi Surname Case : सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को मिली राहत, सजा पर रोक, बहाल हो सकती है सांसदी

Modi Surname Case : सुप्रीम कोर्ट से राहुल गांधी को मिली राहत, सजा पर रोक, बहाल हो सकती है सांसदी

Modi Surname Case : सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी को ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी पर आपराधिक मानहानि मामले में फौरी राहत दे दी है। शुक्रवार को एक अंतरिम आदेश के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की सजा पर रोक लगा दी। इससे राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता बहाल हो सकती है। यह आदेश के मुताबिक ट्रायल जज को अधिकतम सजा देने के लिए कोई विशेष कारण नहीं बताया गया है। एक दिन भी कम सजा होने से अयोग्यता से संबंधित प्रावधान लागू नहीं होता।

अपीलीय अदालत का नज़रिया

अपीलीय अदालत और हाईकोर्ट ने पहले दोषसिद्धि पर रोक लगाने से इनकार किया, लेकिन इन पहलुओं पर ध्यान नहीं दिया गया है। इस तरह के मामलों में सावधानी से काम करने की जरूरत होती है। सुप्रीम कोर्ट ने इसमें कोई संदेह नहीं किया कि बयान अच्छे मूड में नहीं होते हैं। सार्वजनिक जीवन में व्यक्ति से सार्वजनिक भाषण देते समय सावधानी बरतने की उम्मीद की जाती है। राहुल को अधिक सावधान रहना चाहिए था।

वकील की दलील और अपील की अवधारणा

राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने बहस शुरू की। सुप्रीम कोर्ट ने सिंघवी से कहा कि उन्हें सजा पर रोक के लिए एक असाधारण मामला बनाना होगा। राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने दावा किया कि शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी का मूल उपनाम ‘मोदी’ नहीं है और उन्होंने बाद में यह उपनाम अपनाया। राहुल ने अपने भाषण के दौरान जिन लोगों का नाम लिया था, उनमें से एक ने भी मुकदमा नहीं किया। यह 13 करोड़ लोगों का एक छोटा सा समुदाय है और इसमें कोई एकरूपता या समानता नहीं है। सिंघवी ने कहा कि इस समुदाय में केवल वही लोग पीड़ित हैं जो भाजपा के पदाधिकारी हैं और मुकदमा कर रहे हैं।

‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील महेश जेठमलानी ने तर्क दिया

पूर्णेश मोदी के वकील महेश जेठमलानी ने ‘मोदी सरनेम’ टिप्पणी मामले में शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी की पक्ष से तर्क दिया है। उनके अनुसार पूर्ण भाषण 50 मिनट से अधिक समय का था और भारत के चुनाव आयोग के रिकॉर्ड में इस भाषण के ढेर सारे सबूत और क्लिपिंग संलग्न हैं।

राहुल गांधी के द्वेषवश एक पूरे वर्ग को बदनाम किया गया है

महेश जेठमलानी ने कहा है कि राहुल गांधी ने द्वेषवश एक पूरे वर्ग को बदनाम किया है। सुप्रीम कोर्ट ने पहले राहुल गांधी को आगाह किया था, जब उन्होंने कहा था कि राफेल मामले में शीर्ष अदालत ने प्रधानमंत्री को दोषी ठहराया है। उन्होंने कहा कि उनके आचरण में कोई बदलाव नहीं आया है।

सुप्रीम कोर्ट ने पूछा- अधिकतम सजा क्यों दी गई?

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि गुजरात हाईकोर्ट का फैसला काफी दिलचस्प है और राहुल गांधी की सजा कम भी हो सकती थी। कोर्ट का मानना है कि अगर जज ने एक साल 11 महीने की सजा दी होती तो राहुल गांधी अयोग्य नहीं ठहराए जाते।

पिछली सुनवाई पर जारी किए थे नोटिस

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी को नोटिस जारी किया था। कोर्ट ने कहा था कि इस स्तर पर सीमित प्रश्न यह है कि क्या दोषसिद्धि निलंबित किए जाने योग्य है? पूर्णेश मोदी और राहुल गांधी ने कोर्ट के समक्ष अपने-अपने जवाब दाखिल कर दिए थे।

पहले जानिए क्या है मामला

2019 लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार की एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था, ‘कैसे सभी चोरों का उपनाम मोदी है?’ इसी को लेकर भाजपा विधायक और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत मामला दर्ज किया गया था।

By Vijay Srivastava

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