नाग पंचमी का महत्व
Nag Panchami : नाग पंचमी, हिन्दू पंचांग के अनुसार, सावन मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है। इस साल, यह पर्व 21 अगस्त 2023 को सोमवार को मनाया जाएगा। यह दिन पूरी तरह से नाग देवता के समर्पण में होता है। लोग इस दिन नाग देवता की पूजा और आराधना करके उनसे कृपा और आशीर्वाद प्राप्त करने का प्रयास करते हैं। नाग पंचमी का व्रत और पूजा करने से सभी प्रकार के दुखों और दर्दों का निवारण होता है, और व्यक्ति की जीवन में सुख-शांति बनी रहती है।
नाग पंचमी शुभ तिथि
पंचमी तिथि प्रारंभ – 21 अगस्त, सोमवार, प्रात: 12:21 बजे से
पंचमी तिथि समाप्ति – 22 अगस्त, मंगलवार, रात 02:00 बजे तक
पूजा मुहूर्त – सुबह 05.33 – सुबह 08.30 बजे तक
नाग पंचमी की आरती का महत्व
नाग पंचमी के दिन नाग देवता की पूजा के साथ ही उनकी आरती भी जरूर की जानी चाहिए। नाग देवता की आरती करने से उनकी कृपा और आशीर्वाद प्राप्त होते हैं और सांपों से संबंधित समस्याओं का निवारण होता है। आइए, जानते हैं नाग देवता की आरती का पूरा प्रकार:
“ॐ जय नाग देवता हरे, स्वामी जय नाग देवता हरे। भक्तजनों के संकट, दुख-दर्द हरो नाग देवता हरे।
सर्पराजा वैभव, शनिवारी व्रत में पावे। त्रिगुण स्वरूप तुम्हारे, गायक गाते गावे।
चंद्रमा चकोर को, बनायो मुख कमल को। मन ही मन में ध्यान धरते, नाग देवता ध्यान लगाए।
हो अनन्त ज्योति तुम्हारी, आरती करता हूँ मैं। नाग देवता की आरती, प्रेम से जो करता है।”
नाग पंचमी के दिन शुभ योग
नाग पंचमी के दिन शुभ योग के साथ यह महत्वपूर्ण होता है क्योंकि इस दिन शिव मंत्र का योग बनता है। इस दिन शिव की पूजा के साथ ही रुद्राभिषेक भी किया जा सकता है, जो समस्त बुराइयों को दूर करने में मदद करता है। नाग पंचमी के दिन “ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।” मंत्र का जाप करने से आपकी जीवन में सुख, समृद्धि और समय की कमी के साथ-साथ सांपों की दिक्कतों से भी राहत मिल सकती है।
नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष की पूजा में गाय के शुद्ध घी, फूल, मौसमी, चंदन, धूप, सुपारी, भांग, धतूरा, बेलपत्र, सुपारी, पान के पत्ते, और कपूर का उपयोग करें। यदि आप मनोकामना पूरी करने की इच्छा रखते हैं, तो रुद्राभिषेक के साथ गन्ने का रस, दूध, दही, और शहद का उपयोग कर सकते हैं।
नाग पंचमी के उपाय में यह भी शामिल है कि आप शुभ योग में रुद्राभिषेक करने से भी लाभान्वित हो सकते हैं।
नाग पंचमी के दिन, आप ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और शिवलिंग पर जल, दूध, दही, शहद, घी, और चीनी का अर्पण करें। साथ ही महामृत्युंजय मंत्र का 108 बार जाप करने से आपको बाधाएं और संकट से मुक्ति मिल सकती है।
नाग पंचमी के दिन नाग देवता की आरती करने से आप उनके आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं और सांपों से संबंधित समस्याओं का समाधान पा सकते हैं। यह दिन नाग देवता की पूजा, आराधना, और आरती से भरपूर होने चाहिए ताकि आपकी जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि बनी रहे।