अब वाराणसी में रोपवे, पलक झपकते कैण्ट से गिरजाघर, चार स्थानों पर ठहराव

विजय श्रीवास्तव
-पांच किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर खर्च होने वाले 424 करोड़ रुपये
-पूरे दिन में 20 से 25 हजार यात्री कर सकेंगे यात्रा

वाराणसी। यूपी के चित्रकूट और मिर्जापुर के बाद अब बाबा विश्वनाथ की नगरी बनारस में पर्यटक रोपवे का रोमांचक सफर कर सकेंगे। कैंट से गोदौलिया के बीच यूपी के सबसे बड़े रोपवे का तोहफा पीएम मोदी अपने बनारस दौरे में दे सकते हैं। दुनिया भर से बनारस आने वाले सैलानियों को अब कैंट स्टेशन से गिरिजाघर तक के सफर के लिए रोपवे की सुविधा मिले सकेगी। इस पूरी परियोजना की फिजिबिलिटी रिपोर्ट वैपकास ने पिछले सप्ताह सौंप दी है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो इसी साल के अंत तक रोपवे निर्माण का काम भी शुरू हो जाएगा।


रोपवे से सबसे अधिक लाभ बाहर से बनारस घूमने के लिए आने वाले पर्यटकों के साथ उन यात्रियों को मिल सकेगा जो साजन तिराहे, लक्सा व रथयात्रा चौराहा पर भी जाना चाहते हैं। जनसंख्या में लगातार वृद्धि के चलते बनारस में जाम की समस्या लगातार बढती जा रही है। जिसमें इस योजना से निश्चय ही आम जन के साथ पर्यटकों को लाभ मिल सकेगा। फिजिबिलिटी रिपोर्ट में कैंट स्टेशन से शुरू होने वाले रोपवे को गिरिजाघर तक ले जाने का प्रस्ताव है और इसमें साजन तिराहे के अलावा रथयात्रा, लक्सा पर यात्री ठहराव होगा। वैपकास की ओर से तैयार रिपोर्ट में कैंट स्टेशन स्थित पं. कमलापति त्रिपाठी इंटर कॉलेज के सामने से रोपवे परियोजना की शुरुआत होगी।


इस योजना के साकार होने पर पलक झपकते ही कैंट से सीधे गिरिजाघर तिराहे पर पहुंच जायेंगे। कैंट स्टेशन से गिरिजाघर तिराहे के बीच प्रत्येक डेढ़ मिनट पर ट्रॉली चलेंगी। जानकारी के मुताबिक विकास प्राधिकरण की ओर से भी रोपवे परियोजना का फाइनल ड्राफ्ट शासन को भेज दिया गया है। जानकारी के मुताबिक भूमि से करीब 45 मीटर से ऊंचाई से गुजरने वाले रोपवे को साजन तिराहा, सिगरा, रथयात्रा, लक्सा होते हुए गिरिजाघर पर पर पहुंचाया जाएगा। पांच किलोमीटर लंबी इस परियोजना पर खर्च होने वाले 424 करोड़ रुपये का पूरा खाका भारत सरकार की सहयोगी कंपनी वैपकॉस ने तैयार कर दिया है। रोपवे परियोजना पर आने वाले खर्च में ें80 फीसदी अंशदान केंद्र सरकार का और 20 फीसदी राज्य सरकार का होगा।


रोपवे परियोजना के करीब पांच किलोमीटर लंबे रूट पर 220 ट्राली के संचालन का प्रस्ताव दिया गया है। एक समय में इसमें एक हजार से ज्यादा यात्री सफर कर पाएंगे। इसमें पूरे दिन में 20 से 25 हजार यात्रियों को सुगम यातायात की सुविधा होगी। कैंट, साजन तिराहा, रथयात्रा और गिरिजाघर चौराहे पर रोपवे स्टेशन के लिए जमीन चिह्नित की गई है। अगर सब कुछ ठीक रहा तो निश्चय की इस योजना से सैलानियों व लोंगो को आवागमन में सुविधा बढेगी वहीं इसका दूसरा पक्ष यह भी रहेगा इससे रिक्सा, टैम्पों वालों के रोजी रोटी पर सीधा असर पडेगा।

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