PACL इंडिया लिमिटेड एक चिटफंड कंपनी है जिसमे की निवेशक अलग अलग जगह से 45 हज़ार करोड़ रुपये जमा किये थे अलग अलग पॉलिसी के द्वारा। इन सभी निवेशकों के द्वारा अर्जित किये गए पैसो को लेकर समूह के प्रबंधक निदेशक निर्मल सिंह भंगू भाग गए करोड़ो लोगो के सपने तोड़कर।
फिर कंपनी को फ्रॉड घोसीत कर दिया गया। इस मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्यवाई करते हुए सेबी से PACL के मनी पालिसी स्कीम पर रोक लगा दी और सेबी ने कंपनी को आदेश दिया की निवेशकों का पैसा वापस किया जाए फिर भी कंपनी के दिए गए समय पर लोगो का पैसा वापस नहीं किया। जब यह matter सुप्रीम कोर्ट में गया तो सुप्रीम कोर्ट आदेश दिया की PACL के सम्पति को बेचकर निवेशकों का पैसा 6 महीने के अंदर ब्याज सहित लौटा दिया जाये ।
तो फिर ऐसी कौन सी वजह है जो अब तक पैसा नहीं लौटाया गया। PACL की संपत्ति अब सेबी के under में है फिर भी सेबी भी पैसा लौटने में दे कर रही है।
कार्यकर्ताओ और निवेशकों द्वारा अलग अलग जगह पर धरना प्रदर्शन के बाद जब सेबी पर दबाव आया तो सेबी ने एक ऑनलाइन पोर्टल खुलवाई R.M. lodha committee के under में।

इस पोर्टल के माध्यम से लोगो को ऑनलाइन फॉर्म भरने को कहा गया। फॉर्म भरने का समय 8 फ़रवरी से 30 अप्रैल 2019 था। लेकिन वेबसाइट धीमी होने होने के कारण सभी लोगो का फॉर्म ऑनलाइन नहीं भरा पाया। फिर बाद में आवेदन तिथि को बढ़ा कर 31 जुलाई 2019 कर दिया गया।
मौजूदा समय में PACL की पूरी सम्पंतिया भुगतान की जाने वाली राशि से लगभग 4 गुना से भी अधिक है। तो फिर उस संपत्ति को नीलम करके गरीब निवेशकों के पैसो को वापस क्यों नहीं दिया जा रहा है।
अभी तक लाखों निवेशकों के द्वारा आवेदन कर दिया गया है लेकिन अब तक किसी को भी पैसा नहीं मिला है।
सभी कार्यकर्त्ता और निवेशक अभी भी संघर्ष कर रहे है की उनका पैसा वापस मिल जाए। इसमें सबसे अधिक समस्या कार्यकर्ताओ को हो रही है उनका जीना मुश्किल हो गया है।