सहारा इंडिया चिट फंड के निवेशकों के लिए एक बड़ी खुशखबरी
सहारा इंडिया न्यूज़: केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने एक खुशखबरी जारी की है, जो सहारा इंडिया चिट फंड के निवेशकों के लिए महत्वपूर्ण है। इस खबर के मुताबिक, सहारा इंडिया के निवेशकों को उनके निवेश के पैसे वापस मिलने की संभावना है। यह समाचार उन सभी लोगों के लिए खुशी की बात है जिन्होंने सहारा इंडिया चिट फंड में निवेश किया है और अपने पैसों की लंबी प्रतीक्षा कर रहे हैं। सहारा इंडिया केस में केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय द्वारा लिए गए नवीनतम निर्देशों के मुताबिक, निवेशकों को उनके पैसों को ब्याज सहित वापस मिलने की संभावना है। यह निर्देश उन सभी लोगों को लागू होगा जिन्होंने सहारा इंडिया चिट फंड में अपने पैसे निवेश किए हैं। चलिए जानते हैं निवेशकों के लिए Sahara India News क्या है?
Sahara India News : निवेशकों के लिए नया व ताजा अपडेट जारी
देशभर में सहारा इंडिया परिवार (Sahar India Parivar) के निवेशकों के लिए एक बड़ी खबर है। ये निवेशक सहारा इंडिया चिट फंड में काफी साल पहले अपने पैसे निवेश किए थे। हाल ही में, सुप्रीम कोर्ट ने सहारा इंडिया को सख्त निर्देश दिए हैं। उन निर्देशों के तहत, सहारा इंडिया को ₹5000 करोड़ रुपये को सेबी (सेक्योरिटीज़ और एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) के रिफंड खाते में ट्रांसफर करने के लिए कहा गया है। इसके बाद, यह ₹5000 करोड़ रुपये केंद्रीय सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को हस्तांतरित किए जाएंगे। इस निर्देश का मकसद है कि इस निवेशकों को उनके निवेश के राशि का वापसी मिले। यह सख्त निर्देश सुप्रीम कोर्ट द्वारा जारी किया गया है ताकि सहारा इंडिया कंपनी नियमित तरीके से इन निवेशकों को वापसी कर सके।
निवेशकों को पैसा पाने के लिए करना होगा आवेदन
सहारा इंडिया के खिलाफ केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने सख्त कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई उन विवादित मामलों के पीछे हुई, जिनमें सहारा इंडिया को आर्थिक निवेशकों की धनराशि वापस करने का आरोप लगा था। इस परिस्थिति में, केंद्रीय सहकारिता मंत्रालय ने एक पोर्टल को जारी किया है जिसका उद्देश्य है सहारा इंडिया के निवेशकों को उनके पैसों की मांग करने के लिए आसानी से ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा प्रदान करना।
केंद्रीय रजिस्ट्रार द्वारा सहारा समूह की व्यक्तिगत सुनवाई के संबंध में एक नोटिस जारी किया गया था। इस नोटिस में सहारा इंडिया को निर्देशित किया गया था कि वे अपने निवेशकों के पैसे को तत्काल प्रत्यक्ष वापस करें, उसमें ब्याज के साथ। यह आदेश जल्दी से जल्दी पूरा किया जाना चाहिए था।