देवों के देव महादेव को प्रिय सावन मास की शुरुआत चार जुलाई से हो रही है। लेकिन, इस बार का सावन खास होने जा रहा है, क्योंकि 19 वर्षों के बाद इसमें अधिक मास लग रहा है। ऐसे में सावन इस वर्ष दो महीने का होगा। श्रद्धालु चार के बदले आठ सोमवार को महादेव का जलाभिषेक व पूजन- अर्चन करने का लाभ उठा सकेंगे। सावन मास का समापन 31 अगस्त को होगा।
सावन पूजा का महात्म्य
शिवलिंग पूजा
ज्योतिर्विद पंडित नरेंद्र उपाध्याय के अनुसार, सावन में शिवालयों में स्थापित, प्राण प्रतिष्ठित शिवलिंग या धातु से निर्मित शिवलिंग का गंगाजल व दुग्ध से रुद्राभिषेक करें। यह शिव को अत्यंत प्रिय है। वहीं उत्तरवाहिनी गंगाजल, पंचामृत का अभिषेक भी महाफलदायी है।
व्रतों की महिमा
कुशोदक (ऐसा जल, जिसमें कुश घास की पत्तियां डाली गई हों) से व्याधि शांति, जल से वर्षा, दही से पशुधन, ईंख के रस से लक्ष्मी, मधु से धन, दूध से संतान की सुख समृद्धि और एक हजार मंत्रों सहित घी की धारा से भगवान शिव का अभिषेक करने से पुत्र व यश की वृद्धि होती है।
व्रतों के दिन
सावन मास में सोमवार ‘सोमवारी व्रत रोटका’ भी कहलाता है। इसे सोम या चंद्रवार भी कहते हैं। यह दिन भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। मंगलवार को मंगलागौरी व्रत, बुधवार को बुध गणपति व्रत, बृहस्पतिवार को बृहस्पति व्रत, शुक्रवार को जीवंतिका देवी व्रत, शनिवार को बजरंग बली व नरसिंह व्रत और रविवार को सूर्य व्रत होता है।
सोमवार की तारीखें
- पहला सोमवार: 10 जुलाई
- दूसरा सोमवार: 17 जुलाई
- तीसरा सोमवार: 24 जुलाई
- चौथा सोमवार: 31 जुलाई
- पांचवा सोमवार: 07 अगस्त
- छठवां सोमवार:14 अगस्त
- सातवां सोमवार: 21 अगस्त
- आठवां सोमवार: 28 अगस्त