
विजय श्रीवास्तव
-सारनाथ में आयोजित गोष्ठी में लोंगो ने दी श्रद्धाजंली
वाराणसी। भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री जी अद्भूत प्रतिभा के धनी थे। जहां तक उनके राजनीतिक जीवन मूल्यों, सरलता व पराकाष्ठा की बात की जाए तो वह अनमोल थे। वे इसके लिए पूरे जीवन भर समर्पित रहें। उनके अन्दर सरलता के साथ स्वाभिमान भी कूट-कूट कर भरा था। उनके उन मूल्यों, सरलता व सहजता को पुनः स्थापित करने की जिम्मेदारी आज हमारें युवाओं के कन्धें पर है।

उक्त बातें सारनाथ में आज पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्मजयन्ती के अवसर पर कायस्थ समिति सारनाथ के तत्वावधान में आयोजित ‘‘शास्त्री जी की राजनीतिक पराकाष्ठा’’ विषयक गोष्ठी में अग्रसेन कन्या महाविद्यालय की पूर्व प्राचार्या डॉ कृष्णा निगम ने कही। उक्त अवसर पर राव कोचिंग के सचांलक अजीत कुमार श्रीवास्तव ने कहा कि आज हमारें समाज के पिछडने का सबसे बडा कारण हमने अपने कलम को रख दिया हे। आज कोई भी प्रतियोगी परिक्षाए हो रही हे उसमें कायस्थ समाज हासिए पर है। जबकि ब्राहमण व अन्य लोग हमसे काफी आगे हैं। हमने उनके सामने अवसर परोस दिया है। जिसका लाभ वह आज उठा रहे हैं। आज हमारे अभिभावकों का सीधे इस बात से मतलब रहता है कि कैसे हमारा बच्चों कहीं भी प्राइवेट ही सही जाब पा जाये। जबतक हमारे बच्चें आइएएस, पीसीएस व सरकारी कर्मचारी नहीं बनेगें तब तक हम समाज में बदलाव नहीं ला सकते हें और नहीं अपने समाज के लिए कुछ विशेष कर सकेंगे। आज राजनीति में भी हमारी हिस्से दारी लगभग नही ंके बराबर हो गयी है। आज हमें अपने जीवन में सच्चाई व ईमानदारी के साथ कुटनीति में भी निपुण होने की जरूरत है।

इस दौरान भारतीय पुरातत्व विभाग के अधीक्षण पुरातत्व अधिकारी नीरज सिन्हा ने कहा कि हमें संगठित होने की जरूरत है। हमें अपने बच्चों को हर स्तर पर पढाने की जरूरत है। तभी हम और हमारा कायस्थ समाज अपने पुराने वजूद को प्राप्त कर सकेगा।
गोष्ठी की अध्यक्षता समिति के अध्यक्ष मोहन कुमार श्रीवास्तव ने किया। इस दौरान चि़ंत्राश विजय प्रकाश श्रीवास्तव ने विषय प्रस्तावना रखा। इस दौरान डॉ शरद श्रीवास्तव, समाजसेवी चित्रांश प्रकाश श्रीवास्तव, अरविन्द श्रीवास्तव, सत्य प्रकाश श्रीवास्तव,संजीव श्रीवास्तव,प्रदीप श्रीवास्तव, आदि लोंगो ने भी अपने विचार व्यक्त किया। सचांलन समिति के सचिव हरि शंकर सिन्हा ने तथा संचालन राहुल भारत ने किया।