Subhash Chandra Bose : नेताजी सुभाष चंद्र बोस के परपोते चंद्र कुमार बोस ने भाजपा से दिया इस्तीफा। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके प्रयासों के बावजूद उन्हें बोस भाइयों, सुभाष चंद्र बोस और शरत चंद्र बोस की विचारधारा का प्रचार करने के लिए भाजपा से कोई समर्थन नहीं मिला, जिसका वादा किया गया था। चंद्र बोस 2016 में भाजपा में शामिल हुए थे।
इस्तीफे का कारण
नेताजी के परपोते ने आगामी लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा से इस्तीफा दे दिया। पिछले कुछ सालों से बोस को विभिन्न मुद्दों पर भाजपा की नीतियों और पार्टी राज्य नेतृत्व की आलोचना करते देखा जा रहा था।
चंद्र कुमार बोस ने आरोप लगाया
चंद्र कुमार बोस ने आरोप लगाया कि भाजपा ने उनके उत्साही प्रयासों के बावजूद उन्हें बोस भाइयों, सुभाष चंद्र बोस और शरत चंद्र बोस की विचारधारा का प्रचार करने के लिए कोई समर्थन नहीं दिया, जिसका वादा किया गया था। चंद्र बोस 2016 में भाजपा में शामिल हुए थे और उन्होंने दो बार पार्टी के टिकट पर यहां 2016 का विधानसभा और 2019 का लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन दोनों बार हार का सामना करना पड़ा था।
इस्तीफे के साथ बोले बोस
चंद्र कुमार बोस ने कहा कि मेरी शुभकामनाएं पार्टी के साथ हैं, लेकिन उन्हें सभी समुदायों को एकजुट करना चाहिए। वे नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और विकास कार्यक्रम की सराहना करते हुए बताते हैं कि उन्हें वादा किया गया था कि वे नेताजी सुभाष चंद्र बोस और शरत चंद्र बोस की समावेशी विचारधारा को प्रचारित करेंगे, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ।
आखिरी विचार
इस्तीफे से पहले चंद्र कुमार बोस ने इंडिया बनाम भारत के मुद्दे पर भी अपनी राय रखी। उन्होंने कहा कि इसका नाम बदलने की जरूरत नहीं थी और सरकार को दूसरे महत्वपूर्ण मुद्दों पर ध्यान देना चाहिए।
भाजपा की प्रतिक्रिया
भाजपा के प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता शमिक भट्टाचार्य ने इस्तीफे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि चंद्र कुमार बोस काफी लंबे समय से पार्टी के संपर्क में नहीं थे ।