
विजय श्रीवास्तव
-कार्तिक पूर्णिमा को तीन घंटे ही हो सकेगा भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थि का दर्शन
-तीन दिन शाम को हजारों दीपों से जगमग रहेगा सारनाथ
-नवनिर्मित भवन का होगा उद्घाटन
आस्था व तपस्या की तपोभूमि सारनाथ में मूलगंध कुटी विहार में इस वर्ष भी विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जायेंगे। विगत दो वर्ष कोरोना के चलते नही ंके बराबर कार्यक्रम हुए लेकिन इस वर्ष संक्षेप में कई कार्यक्रम का अयोजन किया जाना है। जिसके तहत जहां कार्तिक पूर्णिमा के दिन मूलगंध कुटी विहार में लगभग 3 हजार द्वीप प्रज्ज्वलित किए जायेंगे। वहीं भगवान बुद्ध की पवित्र अस्थि का भी दर्शन बौद्ध धर्मावलम्बी कर सकेंगे। वैसे कार्तिक पूर्णिमा के दिन ही महाबोधि इन्टर कालेज के पढे हुए एक वि़द्यार्थी डॉ लल्ला पाण्डेय द्वारा एक नवनिर्मित भवन का भी उद्घाटन होना है।
महाबोधि इन्टर कालेज परिसर में आयोजित प्रेस कान्फं्रेस के दौरान महाबोधि विद्यालय समूह के प्रबन्धक आर सुमित्थानन्द थेरो ने बताया कि मूलगंध कुटी विहार के 90वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम का आयोजन किया जाना है। जिसके तहत जहां कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह 8 से 11 बजे तक भगवान बुद्ध के पवित्र अस्थि का लोग दर्शन कर सकेंगे। इसके पूर्व 17 नवम्बर सांय 8 बजे से बोधि वृक्ष के समीप महापरित्राण पाठ होगा जो पूरी रात चलेगा। इसके साथ ही कार्तिक पूर्णिमा के उपलक्ष्य में कार्तिक पूर्णिमा के साथ ही आज भी दीप प्रज्ज्वलन होंगे। उक्त अवसर पर महाबोधि विद्या परिषद के प्रो राम मोहन पाठक ने बताया महाबोधि सोसायटी आफॅ इण्डिया द्वारा संचालित महाबोधि विद्या परिषद के अधीन चलने वाले महाबोधि विद्यालय समूह का 88वॉ वार्षिकोत्सव 19 नवंबर को आयोजित किया गया है। इस दौरान महाबोधि इन्टर कालेज के पूर्व छा़त्र डॉ लल्ला पाण्डेय के सहयोग से निर्मित नवीन शिक्षण ब्लाक का उ्द्घाटन व विद्यालय समूह का वार्षिकोत्सव एवं पुरस्कार वितरण समारोह भी सम्पन्न होगा। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉ विजय कुमार शुक्ला, पूर्व कुलपति, काशी हिन्दु विश्वविद्यालय के वाराणसी होंगे जबकि अध्यक्षता रवीन्द्र जायसवाल राज्यमंत्री, उत्तर प्रदेश करेंगे। इस दौरान महाबोधि इन्टर कालेज के प्रधानाचार्य प्रवीण कुमार श्रीवास्तव भी मौजूद रहें।
डॉ पारस नाथ पाण्डेय : अपने जन्मदिन पर छात्रों के लिए शिक्षण ब्लाक रूपी नायाब तोहफा

जीवन में बहुत लोंगो को बहुत कुछ मिलता है लेकिन अधिकतर लोग अपनी प्रसिद्धी या अपने विकास में रह जाते हैं। वहीं कुछ लोग ऐसा कर जाते है जिसे लोग बहुत समय तक याद करते हैं। शायद किसी मनुष्य के जीवन की यही सच्चे अर्थो में पूंजी होती है। भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ से 2 किलोमीटर दूर कल्याणपुर में डॉ लल्ला पाण्डेय के घर जन्में पारस नाथ पाण्डेय कभी इसी स्कुल से कक्षा 9 वीं से 12 वीं तक की पढाई की थी। भारत में एण्टीबाटिक दवाओं के जनक कहे जाने वाले डॉ पारस नाथ पाण्डेय आज उस मुकाम पर पहुंच चुके है जो किसी परिचय के मोहताज नहीं है। सफलता के आखिरी मुकाम पर पहुंचे डॉ पाण्डेय दो वर्ष पूर्व एक दिन अचानक इस विद्यालय से गुजर रहे थे कि अचानक पुरानी स्मृति ताजी हो गयी और कुछ करने की मन में प्रेरणा जगी बिना देर किए वे कैम्पस में अन्दर जाकर प्रधानाचार्य से मिल कर कहां कि हम कुछ करना चाहते हैं और आज उनका स्वपन साकार होकर मूर्त रूप में खडा हो चुका है। बच्चों के लिए चार कमरों के साथ दो ब्लाक बन कर तैयार हो गया है। वर्तमान में डॉ पारस नाथ पाण्डेय की अपनी कम्पनी पीनम लेबोरेट्रीज लिमिटेड के नाम से है जोकि देश में आज एंटीबायोटिक इंडस्ट्रीज को स्थापित कर के वैज्ञानिक के रूप में बहुत बडा योगदान दे रहे हैं।
बातचीत के दौरान डॉ पाण्डेय ने कहा कि अगर जीवन में हमें बहुत कुछ मिलता है तो हमें भी उसे समाज को सच्चे मन से वापस करना चाहिए। मैंने इसी को अपने जीवन का मिशन मानकर आज अपनी पूर्व संस्थाओं को पे बैक करना शुरू किया है और उसी श्रृंखला में महाबोधि इन्टर कालेज का शिक्षण ब्लांक आपके सामने आज खडा है। इतना ही नहीं पिछले कई वर्षो से दिल्ली और उसके आसपास विद्यालयों में क्लासरूम बनाने में सहयोग से लेकर स्पोर्टस फैसेलिटीज उपलब्ध कराने में सतत कार्यरत है। इसी क्रम में अपने 72 वें जन्मदिन पर महाबोधि इंटर कालेज सारनाथ को शिक्षण ब्लॉक समर्पित करके समाज के लिए एक अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है।