ज्ञानवापी सर्वे को सुप्रीम कोर्ट की हरी झंडी
Varanasi Gyanvapi ASI Survey : ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की प्रक्रिया इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के बाद शुक्रवार सुबह 7 बजे से शुरू हो गई। एएसआई ने 51 सदस्यों की टीम को वाराणसी भेजा है जो कि ज्ञानवापी के सर्वे को करने के लिए जुटी है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट में ज्ञानवापी के एएसआई सर्वे के बारे में याचिका पर सुनवाई भी हुई है।
मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका
सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी सर्वे को हरी झंडी दे दी है, जिससे मुस्लिम पक्ष को बड़ा झटका लगा है। अंजुमन इस्लामिया मसाजिद कमेटी ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने गुरुवार को एएसआई को ज्ञानवापी में सर्वे करने की इजाजत दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि हम हाईकोर्ट के आदेश में दखल क्यों दें? एएसआई ने पहले भी अयोध्या मामले में सर्वे किया था जिससे समझौता हुआ था। कोर्ट ने पूछा कि इस सर्वे से किसी को क्या नुकसान हो सकता है और उसके संबंध में वकीलों ने सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान का भी हवाला दिया। इसके अलावा टीम ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर की मैपिंग और वीडियोग्राफी की है।
प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के मुद्दे पर विवाद
सुप्रीम कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट के मुद्दे पर भी विवाद उठा है। मुस्लिम पक्ष की ओर से वकील अहमदी ने कहा कि पूजा स्थल अधिनियम की धारा 2(बी) के तहत इसकी स्थिति में बदलाव नहीं किया जा सकता है। यह सेक्शन कन्वर्जन को परिभाषित करता है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी इस टिप्पणी को स्वीकारा और बयान किया कि यह सेक्शन व्यापक अर्थ में रूपांतरण शब्द का उपयोग करता है और स्पष्ट करता है कि पूजा स्थल का धार्मिक चरित्र नहीं बदलना चाहिए। इस संबंध में कोर्ट ने पूछा कि ज्ञानवापी मस्जिद का धार्मिक चरित्र 15 अगस्त 1947 को क्या था?
सीएम योगी के बयान पर विवाद
सुप्रीम कोर्ट में सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान पर भी विवाद हुआ है। मुस्लिम पक्ष के वकील ने कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने ज्ञानवापी मस्जिद के बारे में गलत बयान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य को किसी भी पक्ष के में नहीं बोलना चाहिए। कोर्ट ने पूछा कि ज्ञानवापी का सर्वे करने से किसी को क्या नुकसान हो सकता है और जब सर्वे पर रोक लगाई जाने की मांग की गई तो उस समय कोर्ट ने यह भी ठुकरा दिया। सुप्रीम कोर्ट ने सर्वे को करने की इजाजत दी और रिपोर्ट को सीलबंद रखने का आदेश दिया। इससे साफ हो गया है कि एएसआई अब सर्वे का काम पूरा कर सकेगा। कोर्ट ने जिला कोर्ट की ओर से सर्वे प्रक्रिया को पूरा करने के लिए क्या टाइमलाइन दी जाती है यह भी देखा जाएगा।